घायल व्यक्ति, जो ट्रक चालक बताया जा रहा है, ने कहा कि वह किडनी की बीमारी के इलाज के लिए महबूबाबाद आया था। उसने आरोप लगाया कि अस्पताल ने उसका (Mahbubabad incident) भर्ती न करने का आधार बताया — उसके पास आधार कार्ड नहीं था और साथ में कोई परिचारक भी नहीं था। पैसे की कमी के कारण वह कुछ दिनों तक अस्पताल परिसर में ही ठहरा।
लोगों ने समझा मृत, पर सांस चल रही थी
व्यक्ति ने कहा कि अस्पताल के कर्मचारी ने उसे शवगृह के सामने रखी बेंच पर लिटा दिया। कुछ अज्ञात लोगों ने उसे मृत समझ कर शवगृह के भीतर रख दिया। उसके बाद जब पुलिस व अस्पताल कर्मियों ने मौके पर जाकर जांच की, तो पाया गया कि वह जीवित था और उसकी सांस चल रही थी। उसे तुरंत फिर से अस्पताल में भर्ती करा लिया गया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार अभी तक इस बारे में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार मरीज की मौत की पुष्टि डॉक्टरों द्वारा नहीं की गई थी और घटना की तहकीकात जारी है।
स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। विभागीय जांच में यह स्पष्ट किया जाएगा कि भर्ती प्रक्रिया में क्या चूक हुई, किसने मरीज को शवगृह तक पहुंचाया और किन जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई आवश्यक है।
 
		
