Madan Dilawar: राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर इन दिनों स्कूलों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं। हाल ही में कई स्कूलों में निरीक्षण के दौरान पाई गई गड़बड़ियों के बाद उन्होंने जिम्मेदारों पर कार्रवाई के निर्देश दिए। इसी क्रम में जयपुर जिले के विद्यालयों का निरीक्षण किया। (Madan Dilawar)इस दौरान लापरवाही सामने आने पर उन्होंने विद्यालय के प्रिंसिपल और अनुपस्थित दो शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए।
पहला निरीक्षण: महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, दरमी कलां
मंत्री सबसे पहले प्रातः 8:03 बजे महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, दरमी कलां, सांगानेर पहुंचे। निरीक्षण के दौरान शिक्षक स्टाफ रूम में बैठे थे और मंत्री को देखते ही कक्षाओं की ओर दौड़े। जब प्रार्थना सभा के आयोजन के बारे में पूछा गया तो प्रिंसिपल ने बताया कि अभी-अभी सभा समाप्त हुई है, जबकि सभी बच्चे पहले से कक्षाओं में मौजूद थे।
प्रिंसिपल और शिक्षकों पर कार्रवाई के आदेश
मंत्री ने प्रिंसिपल से सवाल किया कि आखिर छुट्टी कैसे ली गई। उन्होंने कक्ष में बैठकर शिक्षकों की उपस्थिति जांची, और इस दौरान कंप्यूटर शिक्षक रामकुमार और मोहनलाल यादव बिना अनुमति अनुपस्थित पाए गए। मंत्री ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि विधानसभा सत्र चल रहा है, ऐसे में बिना सक्षम स्तर से छुट्टी की अनुमति लिए अवकाश कैसे लिया गया। दोनों शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
स्कूल की कैश बुक और सफाई व्यवस्था की जांच
इसके बाद मंत्री ने स्कूल की कैश बुक की जांच की, जिसमें 23 जुलाई 2025 के बाद से कोई प्रविष्टि दर्ज नहीं पाई गई। विकास, राजकीय और स्थानीय कैश बुक में कोई इंद्राज नहीं होने पर प्रिंसिपल से कारण पूछा गया तो उन्होंने बाबू की अनुपस्थिति का हवाला दिया। निरीक्षण में कक्षाओं की सफाई व्यवस्था भी लचर पाई गई, कमरे गंदगी और धूल से भरे हुए थे। मंत्री ने यह भी पाया कि सभी शिक्षकों के पास मोबाइल थे, जबकि पहले ही प्रिंसिपल के पास जमा कराने के निर्देश जारी किए गए थे। संतोषजनक उत्तर न मिलने पर प्रिंसिपल हेमेंद्र सिंह के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
दूसरा निरीक्षण: पी.एम. श्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, जयसिंहपुरा
इसके बाद मंत्री दिलावर सीधे पी.एम. श्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, जयसिंहपुरा पहुंचे। यहां निरीक्षण में सभी छात्र अपनी कक्षाओं में तथा सभी शिक्षक पढ़ाई में व्यस्त पाए गए। विद्यालय की साफ-सफाई संतोषजनक मिली और छात्र भी निर्धारित गणवेश में उपस्थित थे। परिसर में मियावाकी पद्धति से पौधारोपण भी किया गया था।
शैक्षिक स्तर पर सुधार की आवश्यकता
हालांकि, बच्चों का शैक्षिक स्तर कमजोर पाया गया। निरीक्षण के दौरान कक्षा नौ के छात्रों से इंग्लिश का आधारभूत प्रश्न पूछा गया, लेकिन वे सही उत्तर नहीं दे पाए। इसी तरह कक्षा चार के विद्यार्थियों को हिंदी पढ़ाते समय कविता सुनाने को कहा गया, लेकिन बच्चा कविता ठीक से नहीं पढ़ सका। इस पर मंत्री ने पठन-पाठन की गुणवत्ता सुधारने पर जोर दिया।