JK security: जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करते हुए तीन सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। (JK security)इन पर पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हिज्ब-उल-मुजाहिदीन (HM) के साथ संबंध होने का आरोप है।
बर्खास्त किए गए कर्मचारियों में एक पुलिस कांस्टेबल, एक स्कूल शिक्षक और एक मेडिकल सहायक शामिल हैं। जांच में सामने आया है कि ये तीनों आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहे थे और सुरक्षा बलों व नागरिकों पर हमलों में मदद कर रहे थे।
LG मनोज सिन्हा का आतंक के खिलाफ आक्रामक रुख
2020 में उपराज्यपाल पद संभालने के बाद से मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों, उनके नेटवर्क और सरकारी संस्थानों में मौजूद उनके समर्थकों के खिलाफ अभियान तेज कर रखा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2)(c) के तहत अब तक 75 से अधिक सरकारी कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है।
तीनों बर्खास्त कर्मचारी इस वक्त जेल में
बर्खास्त किए गए कर्मचारियों के नाम मलिक इश्फाक नसीर, एजाज अहमद और वसीम अहमद खान बताए गए हैं, जो वर्तमान में जेल में बंद हैं। सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, ये कर्मचारी आतंकी गतिविधियों में सीधे तौर पर शामिल थे और आतंकियों को लॉजिस्टिक व खुफिया मदद प्रदान कर रहे थे।
सरकार का आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का संदेश
इस कार्रवाई के जरिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने यह साफ संदेश दे दिया है कि आतंकवाद और उसके किसी भी रूप में समर्थन को किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह फैसला सरकारी संस्थानों की स्वच्छता और भरोसे को बनाए रखने के लिए एक मजबूत कदम है।