Jaipur Accident: राजधानी जयपुर के परकोटे में शुक्रवार देर रात बड़ा हादसा हो गया। सुभाष चौक के पास एक जर्जर हवेली अचानक भरभराकर गिर पड़ी। इस हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई और 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में प्रभात(Jaipur Accident) और उसकी 6 साल की बेटी शामिल है, जबकि पत्नी सुनीता गंभीर रूप से घायल है। घायलों का इलाज एसएमएस अस्पताल में चल रहा है।
निगम और प्रशासन पर सवाल
इस हादसे ने नगर निगम और प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। निगम की ओर से इस मकान को लेकर पहले ही नोटिस जारी किए गए थे। 13 अगस्त और 4 सितंबर को भी निगम ने नोटिस दिया था, लेकिन कार्रवाई सिर्फ कागजों तक सीमित रही।
नगर निगम हेरिटेज ने मॉनसून की शुरुआत में सर्वे कर 126 जर्जर भवन चिह्नित किए थे। इनमें से सबसे ज्यादा 65 किशनपोल जोन में पाए गए। इसके अलावा हवामहल-आमेर में 29, आदर्श नगर में 18 और सिविल लाइन जोन में 14 भवन जर्जर स्थिति में हैं।
सर्वे के दौरान 48 भवनों को अत्यधिक जर्जर मानकर ध्वस्त करने के आदेश भी जारी किए गए थे। नोटिस भेजकर मकान मालिकों को मरम्मत करने या खाली करवाने के निर्देश दिए गए, लेकिन अब यह हादसा साबित करता है कि कार्रवाई केवल कागजों में ही रह गई।
चार मंजिला हवेली गिरने से 7 लोग मलबे में दब गए थे। स्थानीय लोगों और रेस्क्यू टीम की मदद से सभी को बाहर निकाला गया। लेकिन मलबे से बाहर आने तक प्रभात और उसकी बेटी की सांसें थम चुकी थीं। अन्य घायलों में 2 बच्चे भी शामिल हैं। इलाज के बाद एक को छुट्टी दे दी गई है।
इस हादसे ने इलाके में दहशत फैला दी है। लोग अब अपने पुराने मकानों को लेकर और भी चिंतित हो गए हैं। सवाल यही है कि अगर समय रहते निगम ने कार्रवाई की होती तो शायद यह दर्दनाक हादसा टल सकता था।