गहलोत पर निशाना…लोकतंत्र की शुरुआत कांग्रेस से नहीं, भारत में हमेशा से जनता की आवाज सुनी जाती रही!

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Lok Sabha Speaker Om Birla

Lok Sabha Speaker Om Birla: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राजस्थान विधानसभा के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के उद्घाटन समारोह में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र केवल आज़ादी के बाद नहीं आया, बल्कि यह हमारी विरासत और परंपरा का हिस्सा रहा है। (Lok Sabha Speaker Om Birla)“हमारे राजा-महाराजाओं के समय भी लोकतंत्र था। पंचायत राज की नींव राजस्थान में ही रखी गई थी। इसलिए लोकतंत्र की सबसे बड़ी जननी राजस्थान ही है।” उनके इस बयान को कांग्रेस के उस दावे का जवाब माना जा रहा है, जिसमें कहा गया था कि देश में लोकतंत्र केवल आज़ादी के बाद ही आया।


गहलोत पर नाम लिए बिना निशाना – “कोई भी सरकार स्थायी नहीं होती”

बिरला ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उस बयान का जवाब दिया, जिसमें गहलोत ने कहा था कि कॉन्स्टिट्यूशन क्लब का उद्घाटन उनके कार्यकाल में पहले ही हो चुका है और लोकसभा अध्यक्ष को इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए था। इस पर ओम बिरला ने दो टूक जवाब देते हुए कहा – “सरकारें आती-जाती रहती हैं। कोई भी सरकार स्थायी नहीं होती। जनमत के आधार पर परिवर्तन होते रहते हैं। यह कहना कि यह मेरा बनाया हुआ है, लोकतंत्र की भावना के अनुरूप नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि भवन बनाना महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इसे कैसे संचालित किया जाता है, यह ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।


“विधानसभा में भी खत्म हो गतिरोध” – स्पीकर बिरला की नसीहत

बिरला ने राजस्थान विधानसभा के सदन संचालन को लेकर भी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में मतभिन्नता स्वाभाविक है, लेकिन हमें यह सीखना होगा कि संसद और विधानसभा में गतिरोध को कैसे खत्म किया जाए।

“राजस्थान विधानसभा में भी प्रयास करना चाहिए कि भाषा संयमित हो, विचार मर्यादित हों और चर्चा लोकतांत्रिक हो। लोकतांत्रिक संस्थाएं जनता के विश्वास का केंद्र होती हैं, इसलिए गतिरोध को दूर करना जरूरी है।” उन्होंने सुझाव दिया कि अगर कभी सदन में विवाद या गतिरोध होता है, तो कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में अनौपचारिक चर्चा कर समाधान निकाला जा सकता है।


सीएम भजनलाल शर्मा की तारीफ – “दो बजट में विकास का रोडमैप तैयार”

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि वे राजस्थान को आधुनिक और विकसित राज्य बनाने की दिशा में ठोस काम कर रहे हैं। “राजस्थान से अंत्योदय योजना की शुरुआत हुई थी, जिसे पूरे देश ने अपनाया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी ऐसी योजनाएं ला रहे हैं, जो पूरे देश के लिए उदाहरण बन सकती हैं।” बिरला ने कहा कि भजनलाल सरकार ने अपने दो बजट में स्पष्ट किया है कि वे बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ गरीब और वंचित वर्गों के उत्थान पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।


पूर्व विधायकों पर चुटकी – “भोजन भी मिलेगा!”

सीएम भजनलाल शर्मा ने पूर्व विधायकों को लेकर हल्के-फुल्के अंदाज में चुटकी ली। उन्होंने कहा कि कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में भोजन की भी व्यवस्था होगी, ताकि पूर्व और वर्तमान विधायक यहां आकर नीतियों पर चर्चा कर सकें और समाज के प्रमुख व्यक्तियों के साथ संवाद स्थापित कर सकें।


कांग्रेस के बहिष्कार पर तंज – “पहले तैयार थे, बाद में प्रेशर आ गया”

कांग्रेस विधायकों ने इस उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया, जिस पर सीएम भजनलाल शर्मा ने कटाक्ष किया। “हमारे मित्र पहले तो तैयार थे कि वे इस समारोह में आएंगे, लेकिन बाद में पता नहीं कौन सा प्रेशर आ गया।” उन्होंने कहा कि ऐसे मौकों पर राजनीति से ऊपर उठकर सोचना चाहिए और राजस्थान के विकास के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए। “अगर हम इस तरह की सोच रखेंगे, तो मूल विकास की धारणा से भटक जाएंगे।”


राजस्थान की राजनीति में नए संकेत

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के इस बयान के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। जहां उन्होंने लोकतंत्र को हमारी विरासत बताया, वहीं अशोक गहलोत के दावों का भी करारा जवाब दिया। सीएम भजनलाल शर्मा की तारीफ कर उन्होंने संकेत दिए कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर तालमेल रहेगा। वहीं, कांग्रेस का समारोह से दूर रहना यह दिखाता है कि राजस्थान की राजनीति में नए समीकरण बन रहे हैं।

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