भक्तों को झटका! गोविंद देवजी मंदिर में अब नहीं होगी रंगों की बौछार, सिर्फ भक्ति का दरबार

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Govind Devji Temple

Govind Devji Temple : हर साल जहां भक्त रंग-गुलाल उड़ाते, नृत्य-कीर्तन करते और मंदिर परिसर में उल्लास का माहौल होता था, इस बार वहां सख्त अनुशासन देखने को मिलेगा। (Govind Devji Temple )मंदिर प्रशासन और पुलिस ने इस बार नए नियम लागू कर दिए हैं, जिनका पालन सभी को करना होगा।

क्या भक्त ठाकुरजी के दर्शन कर सकेंगे?

हाँ, लेकिन इस बार श्रद्धालुओं को सिर्फ चलते-चलते ही ठाकुरजी के दर्शन करने होंगे। मंदिर परिसर में रुकने, नाचने, गाने, रंग खेलने और वीडियो बनाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। भक्त दर्शन कर सीधे बाहर निकल जाएंगे, जिससे भीड़ पर नियंत्रण रखा जा सके।

क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला?

प्रशासन का मानना है कि इस बार की गई सख्ती से दर्शन अधिक सुगम और व्यवस्थित होंगे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया गया है ताकि अनावश्यक धक्का-मुक्की और अव्यवस्था न हो। श्रद्धालु ठाकुरजी के दर्शन कर अपने घरों और कॉलोनियों में होली का पर्व मना सकें।

पुलिस की क्या है खास तैयारी?

क्या मंदिर में सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं? बिल्कुल! प्रयागराज कुंभ और अन्य धार्मिक स्थलों पर हुई दुर्घटनाओं से सबक लेते हुए इस बार पुलिस प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा समेत पुलिस अधिकारियों ने मंदिर का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।

क्या इस बार रील और वीडियो बनाने पर पाबंदी है?

हाँ! क्या आपने कभी मंदिर में भक्तों को रील बनाते और भीड़ लगाते देखा है? यही समस्या प्रशासन के सामने भी आई। पुलिस के अनुसार, हर साल युवा मोबाइल लेकर वीडियो बनाते हैं, जिससे भीड़ एक ही स्थान पर ठहर जाती है। इससे बुजुर्गों और महिलाओं को दर्शन करने में परेशानी होती है। इसीलिए, इस बार मंदिर परिसर में वीडियो बनाने और खड़े होने पर सख्त पाबंदी लगाई गई है।

रात 11:31 बजे क्यों होगा विशेष होलिका दहन?

क्या इस बार होलिका दहन की परंपरा भी बदलेगी?
नहीं! मंदिर की परंपरा अनुसार, रात 11:31 बजे गोकाष्ठ से पारंपरिक होलिका दहन किया जाएगा। इस दौरान महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में संतों और महंतों की उपस्थिति में हवन और पूजन होगा। इसके बाद, आमजन होली की अग्नि लेकर अपने मोहल्लों और चौराहों पर होलिका दहन कर सकेंगे

क्या इस बार रंगों से नहीं खेली जाएगी होली?

हाँ, क्या इस बार मंदिर में सूनी होली होगी? नहीं, बल्कि भक्ति के रंगों से सराबोर होगी। मंदिर प्रशासन ने कहा है कि इस बार श्रद्धालुओं को केवल फूलों की होली खेलने का निवेदन किया गया है। सेवा अधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि रंग-गुलाल से मंदिर में अव्यवस्था फैलती है, जिससे दर्शन में बाधा आती है। इसीलिए, केवल पुष्पों की होली को अनुमति दी गई है।

फागोत्सव में क्या खास होगा?

क्या होली की मस्ती सिर्फ भक्तों तक सीमित रहेगी? नहीं! मंदिर में बीते सात दिनों से फागोत्सव का आयोजन चल रहा है, जहां देशभर से आए कलाकार शेखावाटी के चंग और ढोल की थाप पर होली के पारंपरिक गीत प्रस्तुत कर रहे हैं। लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान खींचा राधा-कृष्ण स्वरूपों और सखियों द्वारा पांच क्विंटल फूलों की पंखुड़ियों से खेली गई होली ने!

क्या इस बार मंदिर की होली में उमंग कम होगी?

नहीं! रंगों की होली भले ही न हो, लेकिन भक्ति, श्रद्धा और अनुशासन की होली जरूर होगी। गोविंद देवजी मंदिर में इस बार उत्साह भी होगा और अनुशासन भी, जिससे श्रद्धालु बिना किसी बाधा के ठाकुरजी के दर्शन कर सकें।

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