Jaipur accident: जयपुर के हरमाड़ा थाना क्षेत्र में सोमवार दोपहर लोहा मंडी के पास एक ब्रेक फेल डंपर ने तेज रफ्तार में 10 से अधिक गाड़ियों को टक्कर मारी। घटना में अब तक 10 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हैं। (Jaipur accident)बचाव एवं इलाज का काम जारी है।
हादसा कैसे हुआ?
प्राप्त जानकारी के अनुसार डंपर हाईवे की ओर तेज रफ्तार में आ रहा था जब अचानक उसके ब्रेक फेल हो गए। चालक ने नियंत्रण खो दिया और डंपर लगातार कई वाहनों को टक्कर मारता हुआ आगे बढ़ा। रिपोर्ट के मुताबिक टक्कर के बाद डंपर खुद भी पलट गया और कुछ वाहन उसके नीचे दब गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार घटना इतनी भीषण थी कि मौके पर अफरा-तफरी मच गई—कारें पलटी, बाइकें उछलीं और सड़क पर मलबा फैला रहा।
स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि अभी तक 10 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जिसमें एक मासूम बच्चा भी शामिल है। दर्जनों घायल अस्पतालों में भर्ती हैं और कई की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका बनी हुई है।
राहत और बचाव कार्य
घटना की सूचना मिलते ही हरमाड़ा पुलिस, एसडीआरएफ और आपात सेवाएं मौके पर पहुंचीं। घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद SMS हॉस्पिटल और नज़दीकी सरकारी मेडिकल सेंटर्स में भर्ती कराया गया। बचाव दल मलबे से फंसे लोगों को निकालने और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुटा हुआ है। अधिकारी बता रहे हैं कि मेडिकल और रेस्क्यू ऑपरेशन अभी जारी हैं।
“डंपर इतनी तेज रफ्तार में था कि टक्कर की आवाज़ सुनते ही ऐसा लगा जैसे बम फट गया हो। लोग चीखते-चिल्लाते बाहर निकले और मदद के लिए भागे।” —
जयपुर पुलिस ने बताया कि डंपर के मालिक और चालक की पहचान कर ली गई है और उनके खिलाफ आवश्यक धाराओं के तहत मामला दर्ज कर दिया गया है। प्रारंभिक जांच में ब्रेक फेल होने की बात सामने आई है — विभागीय और फोरेंसिक जांच से हादसे के कारणों का अंतिम निष्कर्ष मिलेगा।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे तथा घायलों के लिए मुफ्त उपचार का आदेश जारी किया है। राज्य प्रशासन ने संबंधित अस्पतालों को आवश्यक चिकित्सा संसाधन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
सड़क सुरक्षा पर उठते सवाल
यह हादसा फिर से सड़क सुरक्षा, भारी वाहन फिटनेस और हाईवे स्पीड मॉनिटरिंग पर सवाल उठा देता है — खासकर शहरी-हाईवे सीमाओं में। स्थानीय नागरिक और विशेषज्ञ पूछते हैं:
- क्या डंपर की तकनीकी फिटनेस और पीरियडिक इंस्पेक्शन समय पर हुई थी?
- क्या चालक प्रशिक्षित और लाइसेंसी था?
- क्या हाईवे स्पीड लिमिट और कंट्रोल सही ढंग से लागू किए जा रहे थे?
इन सवालों के जवाब प्रशासनिक और पुलिस जांच में सामने आएंगे।




































































