Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर हेरिटेज निगम की पूर्व मेयर मुनेश गुर्जर के घर से बरामद हुए 41.50 लाख रुपये के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जवाब तलब किया है। अदालत ने पूछा कि इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? (Rajasthan News )जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और प्रमिल कुमार माथुर की खंडपीठ ने पब्लिक अगेंस्ट करप्शन की जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
नकदी के स्रोत पर नहीं दे सके संतोषजनक जवाब
पीआईएल में अधिवक्ता पीसी भंडारी और टीएन शर्मा ने दलील दी कि एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने पूर्व मेयर के घर छापा मारकर 41.50 लाख रुपये नकद जब्त किए थे। एसीबी अधिकारियों और अन्य गवाहों ने बताया कि मुनेश गुर्जर और उनके पति नकदी का वैध स्रोत नहीं बता सके। अदालत ने माना कि यह मामला पीएमएलए अधिनियम की धारा-3 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है और ईडी को स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच करनी चाहिए थी।
ACB पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुका
एसीबी ने इस मामले में पूर्व मेयर मुनेश गुर्जर, उनके पति और दो अन्य को दोषी मानते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। भ्रष्टाचार निरोधक संस्था की ओर से ईडी को इस मामले की जांच के लिए लिखित शिकायत भी दी गई थी। हाईकोर्ट में ईडी की ओर से पेश हुए एएसजी आरडी रस्तोगी ने जवाब के लिए समय मांगा, जिसके बाद अदालत ने चार सप्ताह का समय दिया है।
पिछले साल किया गया था सस्पेंड
जयपुर हेरिटेज सिटी की तत्कालीन मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। उनके साथ दो दलालों को भी हिरासत में लिया गया था। घर की तलाशी के दौरान 40 लाख से अधिक नकद बरामद हुए थे। इस घटना के बाद राज्य सरकार ने 23 सितंबर 2023 को मुनेश गुर्जर को निलंबित कर दिया था।


































































