Fake degree racket: थाना प्रतापनगर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी डिग्री बेचने (Fake degree racket) वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जयपुर की डीसीपी ईस्ट, तेजस्वनी गौतम ने बताया कि ई-मित्र संचालकों द्वारा विभिन्न यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री और सर्टिफिकेट बेचे जा रहे थे। पुलिस ने छापेमारी के दौरान 13 यूनिवर्सिटीज की 700 से ज्यादा फर्जी डिग्रियां और अन्य सामग्री जब्त की है।
ई-मित्र संचालकों पर छापेमारी
सूचना मिलने पर थाना प्रतापनगर पुलिस ने तीन ई-मित्र केंद्रों पर छापेमारी की। पुलिस ने “यूनिक एजुकेशन कंसल्टेंसी” और “एसएसआईटी सेंटर” सेक्टर 8 प्रतापनगर में छापेमारी की, जहां से 13 नामी यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्रियां और सर्टिफिकेट जब्त किए गए।
फर्जी डिग्रियों में शामिल यूनिवर्सिटीज
छापेमारी के दौरान पुलिस को सुरेश ज्ञान विहार यूनिवर्सिटी, प्रताप यूनिवर्सिटी, जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी, मणिपाल एकेडमी, वर्धमान यूनिवर्सिटी (कोटा), खुशालदास यूनिवर्सिटी (हनुमानगढ़), आर्यभट्ट यूनिवर्सिटी (पटना), बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण संस्थान, मोनाद यूनिवर्सिटी, वाईबीएन यूनिवर्सिटी (रांची), बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, माध्यमिक शिक्षा परिषद (उत्तरप्रदेश), राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान, तेलंगाना माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (हैदराबाद), और मंगलम आईटी एजुकेशन से जुड़ी 700 से अधिक फर्जी डिग्रियां और सर्टिफिकेट बरामद हुए हैं।
अन्य सामग्री की जब्ती
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से फर्जी किरायानामा, विभिन्न बैंकों की चेक बुक, मोबाइल फोन, कैमरा, प्रिंटर, कंप्यूटर और अन्य सामग्री भी जब्त की है।
एसआईटी का गठन
डीसीपी तेजस्वनी गौतम ने बताया कि मामले की गहन जांच के लिए एसआईटी (विशेष जांच टीम) का गठन किया गया है। यह टीम आरोपियों के बैंक डिटेल्स, यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्रियों के रिकॉर्ड और अन्य दस्तावेजों की जांच कर रही है। एसआईटी सात दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
आरोपी और उनकी पहचान
गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों में मुख्य आरोपी विकास मिश्रा, बिहार का निवासी है। अन्य दो आरोपी, सत्यनारायण शर्मा जयपुर का रहने वाला है और विकास अग्रवाल अलवर के बहरोड़ से है। पुलिस इनसे गहन पूछताछ कर रही है।
आगे की कार्रवाई
फर्जी डिग्रियों के इस मामले में पुलिस आरोपियों के बैंक खातों, लेन-देन और जुड़े अन्य सुरागों की गहनता से जांच कर रही है। मामले के अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।