JD Vance: भारत दौरे पर आए अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस इन दिनों न सिर्फ भारत की संस्कृति को देख रहे हैं, बल्कि उसे आत्मा से महसूस कर रहे हैं। (JD Vance)पत्नी उषा वेंस और बच्चों के साथ वे जिस तरह भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों से जुड़ रहे हैं, वह एक राजनयिक यात्रा से कहीं ज्यादा, एक आत्मिक अनुभव बनकर उभर रहा है।
आगरा में ताजमहल के सामने रुके कदम, चलने लगीं भावनाएं
दौरे के तीसरे दिन वेंस परिवार आगरा पहुँचा और सीधे ताजमहल का रुख किया। जैसे ही सफेद संगमरमर की वह शिल्पकला उनकी आंखों के सामने आई, वे बस निहारते रह गए। गाइड ने बताया कि कुछ पल के लिए परिवार के सभी सदस्य चुप थे—जैसे समय थम गया हो और मन केवल सौंदर्य में खो गया हो।
इतिहास से रिश्ता निभातीं उषा वेंस
उषा वेंस की ऐतिहासिक समझ और जिज्ञासा इस दौरे की सबसे खास बातों में से एक रही। पूर्व में इतिहास की छात्रा रहीं उषा ने ताजमहल की नींव से लेकर उसकी स्थापत्य शैली तक गाइड से कई प्रश्न किए। उनकी आँखों में ताजमहल को लेकर न केवल ज्ञान की प्यास थी, बल्कि एक आत्मीय जुड़ाव भी दिखाई दे रहा था। जैसे कोई अपने अतीत से मिल रहा हो।
भारत ने किया स्वागत, जैसे मेहमान नहीं, अपने हों
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खेरिया एयरपोर्ट पर खुद वेंस परिवार का स्वागत किया। पारंपरिक मयूर नृत्य, स्कूल के बच्चों का भारत-अमेरिका झंडों के साथ स्वागत और सजे हुए रास्तों ने यह संदेश दिया कि भारत अपने मेहमानों को सिर आंखों पर बिठाता है—वो भी तब, जब वे भावनाओं से जुड़ने आए हों।
ताजमहल से विदा, पर भारत दिल में बस गया
ताजमहल में एक घंटे के प्रवास के बाद वेंस का काफिला जयपुर रवाना हो गया। सुरक्षा के कड़े इंतज़ामों के बीच इस यात्रा का हर पल एक शांत, सांस्कृतिक उत्सव की तरह बीता। परिवार ने जो महसूस किया, वह तस्वीरों से कहीं ज़्यादा, यादों में बस गया।
अक्षरधाम से शुरू, दिल तक पहुँची यात्रा
दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर से शुरू हुई यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात और फिर ताजमहल के दर्शन के साथ भारत-अमेरिका संबंधों में एक नया आयाम जोड़ती है। पर कूटनीति से परे, यह यात्रा इस बात का प्रतीक बन गई है कि भारत की संस्कृति को सिर्फ़ देखा नहीं, महसूस किया जाता है।