India-Britain relations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई, विशेष रूप से खालिस्तानी उग्रवाद के मुद्दे पर। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस बैठक की जानकारी दी और बताया कि (India-Britain relations)पीएम मोदी ने यह स्पष्ट किया कि लोकतांत्रिक समाजों में उग्रवाद और हिंसक अतिवाद के लिए कोई स्थान नहीं है।
उग्रवाद पर पीएम मोदी का स्पष्ट रुख
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने जोर दिया कि लोकतांत्रिक समाजों में उग्रवाद और हिंसक अतिवाद के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि समाजों द्वारा दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता और दोनों पक्षों के पास उपलब्ध कानूनी ढांचे के भीतर उनके खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता है।
ब्रिटेन का व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भारत में
प्रधानमंत्री स्टारमर के साथ ब्रिटेन के 125 प्रमुख व्यापारिक नेताओं, उद्यमियों और शिक्षाविदों का प्रतिनिधिमंडल भी भारत दौरे पर आया है। यह दौरा स्टारमर का प्रधानमंत्री बनने के बाद पहला भारत दौरा है। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का समर्थन
मिस्री ने यह भी बताया कि ब्रिटेन ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के बाद स्थायी सदस्यता हासिल करने के लिए अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा, “हम इसका स्वागत और सराहना करते हैं।” इसके अलावा, दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) भी युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद करेगा।
भारत और ब्रिटेन के संबंधों को बढ़ावा
व्यापक बातचीत के बाद पीएम मोदी ने कहा, “भारत और ब्रिटेन स्वाभाविक भागीदार हैं। हमारे संबंध लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के साझा मूल्यों पर आधारित हैं। आज के वैश्विक अनिश्चितता के दौर में हमारी बढ़ती साझेदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।”
वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा
दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र, पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता, और यूक्रेन संघर्ष जैसे वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। पीएम मोदी ने कहा, “यूक्रेन संघर्ष और गाजा के मुद्दों पर भारत संवाद और कूटनीति के माध्यम से शांति बहाल करने के सभी प्रयासों का समर्थन करता है। हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।”