IAS पति-पत्नी का रिश्ता टूटा! महिला अधिकारी ने लगाए चौंकाने वाले आरोप— “शादी सिर्फ कैडर के लिए की!

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Jaipur news: राजस्थान की नौकरशाही से जुड़ी एक गंभीर खबर सामने आई है — जयपुर की महिला IAS अधिकारी भारती दीक्षित ने अपने ही IAS पति आशीष मोदी के खिलाफ एसएमएस अस्पताल थाना में मामला दर्ज कराया है। शिकायत में उन्होंने अपने पति पर राजस्थान कैडर पाने के लिए (Jaipur news)भावनात्मक व्यवहार और दबाव बनाकर विवाह करने सहित मारपीट व अफेयर जैसी गंभीर धाराएँ लगाई हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच सौंपी है।

मुख्य आरोप क्या हैं?

थाना प्रभारी रामकेश के अनुसार भारती दीक्षित ने 7 नवंबर को शिकायत दी, जिसमें प्रमुख आरोपों के रूप में निम्न बातें दर्ज हैं:

  • राजस्थान कैडर प्राप्त करने के उद्देश्य से भावनात्मक रूप से झूठ बोलकर और दबाव बनाकर विवाह कराना।
  • पति द्वारा कथित तौर पर मारपीट और शारीरिक उत्पीड़न।
  • विवाद से जुड़ी अन्य व्यक्तिगत और निजी शिकायतें जिनका उल्लेख प्राथमिकी में किया गया है।

किस धाराओं में दर्ज हुआ मामला?

एसएमएस अस्पताल थाना ने शिकायत के आधार पर भारतीय दण्ड संहिता (IPC) तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। थाना प्रभारी ने बताया कि दर्ज धाराएँ प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  • IPC की धारा 85 (जबरन शादी) — (प्राथमिकी में बताई गई परिभाषा के अनुसार)
  • IPC की अन्य प्रासंगिक धाराएँ (रिपोर्ट में 308(2), 127(2), 140(3), 61(2) का उल्लेख)
  • IT Act की धारा 66, 66C, 66D — साइबर/डिजिटल धोखाधड़ी व पहचान पत्र के दुरुपयोग से संबंधित धाराएँ

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जांच की अगुवाई एसीपी श्रीमनलाल मीणा को सौंपी गई है।

कौन हैं आशीष मोदी ?

आशीष मोदी 2014 बैच के IAS अधिकारी हैं और उन्हें राजस्थान कैडर के वरिष्ठ नौकरशाहों में गिना जाता है। वे राज्य के विभिन्न अहम विभागों में तैनात रह चुके हैं। वर्तमान में वह चुनाव ड्यूटी के तहत बिहार में तैनात बताए जा रहे हैं। दोनों अधिकारी एक-दूसरे से विवाह में बंधे हुए थे — अब शिकायत के चलते दोनों के निजी-प्रशासनिक आयाम सुर्खियों में आ गए हैं।

पुलिस का बयान

थाना प्रभारी ने कहा: “शिकायत मिली है — प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच एसीपी स्तर पर सौंपी गई है। जांच में न्यायिक/कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है।
पुलिस ने कहा कि आवश्यक गवाहों व डिजिटल तथ्यों की तफ्तीश की जा रही है और मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई जांच रिपोर्ट के अनुरूप की जाएगी।

ऐसे मामलों में केवल कानूनी पहलू ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक और नैतिक प्रश्न भी उठते हैं — खासकर तब जब दोनों पक्ष सरकारी नौकरशाह हों। प्रशासनिक रिपोर्ट, विभागीय जांच और यदि आवश्यक हो तो सेवा-गत अनुशासनात्मक कार्रवाई के संभावित पहलू भी देखे जा सकते हैं। संबंधित विभागों और सरकार के निर्देशों के आधार पर आगे की प्रक्रियाएँ अपनाई जाएँगी।

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