सिर्फ पुलिसकर्मियों को 4% छूट! जनता बोली….हम क्या दोयम दर्जे के नागरिक हैं?

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Rajasthan Police:

Rajasthan Police: प्रदेश के पुलिसकर्मियों के लिए बड़ी खबर आई है। पुलिस मुख्यालय के प्रस्ताव पर हीरो कंपनी ने सहमति देते हुए अपने उत्पादों पर 4% की छूट देने की घोषणा की है। (Rajasthan Police) इसका सीधा मतलब यह है कि अब प्रदेशभर के पुलिसकर्मी हीरो कंपनी के वाहन खरीदते समय तय कीमत से कम भुगतान करेंगे।

लेकिन इस फैसले ने आम जनता के बीच नाराज़गी और असंतोष को जन्म दे दिया है। सवाल उठ रहा है कि आखिर इस तरह की छूट सिर्फ पुलिसकर्मियों को क्यों दी जा रही है? क्या बाकी नागरिक किसी दूसरी श्रेणी में आते हैं?

सोशल मीडिया पर भी लोग अपनी नाराज़गी जाहिर कर रहे हैं। कई उपभोक्ता लिख रहे हैं कि टैक्स भरने वाले आम नागरिकों को जब महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है, तब पुलिसकर्मियों को सैलरी, भत्तों और अन्य सरकारी सुविधाओं के अलावा अलग से कंपनी छूट मिलना जनता के साथ पक्षपात है।

विशेषज्ञों और जनता की राय

कंपनी के इस फैसले को लोग “पुलिस को खुश करने की रणनीति” बता रहे हैं। व्यापार विशेषज्ञ भी मानते हैं कि अगर छूट देना ही है तो यह कदम सभी ग्राहकों के लिए उठाया जाना चाहिए, जिससे ब्रांड इमेज मजबूत होती। अन्यथा, यह भेदभावपूर्ण लगता है।

विपक्षी दलों को भी जनहित के मुद्दों पर सवाल उठाना चाहिए कि  कंपनियों को चाहिए कि वे कस्टमर बेस के आधार पर योजनाएं बनाएं, न कि सिर्फ सत्ता या प्रशासन से जुड़े वर्ग को विशेष लाभ दें। जनता अब मांग कर रही है कि या तो हीरो कंपनी यह सुविधा सभी उपभोक्ताओं के लिए लागू करे, या फिर इस समझौते पर पुनर्विचार किया जाए। नहीं तो इसका सीधा असर कंपनी की साख और बिक्री पर पड़ सकता है।

जनता की प्रतिक्रियाएं

राजेश शर्मा (नौकरीपेशा)…हम टैक्स भरते हैं, महंगाई झेलते हैं, फिर भी हमें कोई छूट नहीं। पुलिस को पहले ही कई सुविधाएं मिलती हैं, अब कंपनियाँ भी उन्हें फायदा देने लगीं। ये जनता के साथ अन्याय है।

रीना अग्रवाल (गृहिणी)…हमारे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के खर्च पूरे करना मुश्किल हो रहा है। अगर छूट देनी ही है तो सबके लिए होनी चाहिए। सिर्फ पुलिस को क्यों?

मोहित गुप्ता (स्टूडेंट, बाइक खरीदने की सोच रहे)..मैं महीनों से नई बाइक लेने के लिए पैसे जोड़ रहा हूँ। अगर पुलिसकर्मियों को 4% छूट मिल सकती है तो आम जनता को क्यों नहीं? क्या हम दूसरे दर्जे के नागरिक हैं?

सुभाष जोशी (रिटायर्ड कर्मचारी)…”पुलिस की नौकरी मुश्किल है, यह सही है, लेकिन जनता भी कठिनाइयों में जी रही है। कंपनी का यह फैसला साफ तौर पर पक्षपात है।

शालनी माथुर (सोशल मीडिया एक्टिविस्ट)…हीरो कंपनी का यह कदम सिर्फ पुलिस को खुश करने की चाल लगती है। जनता का विश्वास खोने का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है?

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