Dadasaheb Phalke Award: तीन दिन पहले इस साल का दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड (Dadasaheb Phalke Award) मिथुन चक्रवर्ती को देने की घोषणा हुई, लेकिन मथुरा से बीजेपी सांसद और एक्ट्रेस हेमा मालिनी का मानना है कि यह अवॉर्ड धर्मेंद्र को मिलना चाहिए था।
कोटा के दशहरा मेले के उद्घाटन समारोह में पहुंचीं हेमा मालिनी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “हर साल एक कलाकार को यह पुरस्कार दिया जाता है और कलाकारों को यह सम्मान मिलना चाहिए। पर मुझे लगता है कि धर्मेंद्र जी को यह अवॉर्ड 10-15 साल पहले ही मिल जाना चाहिए था। हालांकि इस बार यह मिथुन चक्रवर्ती को मिला है, जो कि बहुत अच्छे अभिनेता और इंसान हैं।”
नृत्य मेरे लिए लगन, फिल्में करियर और राजनीति सेवा
जब हेमा मालिनी से यह सवाल किया गया कि वे सांसद रहते हुए राजनीति, एक्टिंग और नृत्य में कैसे संतुलन बना पाती हैं, तो उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, “अच्छा हुआ कि मैं अभी तक मंत्री नहीं बनी। मंत्री बन गई तो मुझे डांस करने का मौका नहीं मिलेगा। इसलिए मुझे मंत्री बनना भी नहीं है, मैं सांसद के रूप में ही ठीक हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “नृत्य से मेरा शुरू से नाता रहा है। नृत्य से ही मुझे फिल्मों में मुकाम मिला। नृत्य मेरे लिए लगन है, फिल्में मेरा करियर हैं और राजनीति मेरे लिए सेवा है।”
मथुरा के विकास के लिए प्रतिबद्ध
हेमा मालिनी ने मथुरा के विकास पर जोर देते हुए कहा, “सड़कें बनाना, स्कूल बनाना, और मथुरा का विकास करना बतौर सांसद मेरा कर्तव्य है।”
कोटा की तारीफ: साड़ी और कचौरी के लिए प्रसिद्ध
कोटा में अपने दौरे के दौरान हेमा मालिनी ने शहर की तारीफ की। उन्होंने कहा, “जब भी साड़ियों का नाम आता है तो कोटा डोरिया साड़ी का नाम सबसे पहले आता है। साड़ियों के लिए कोटा मशहूर है।” जब उन्हें कोटा की प्रसिद्ध कचौरियों के बारे में बताया गया, तो उन्होंने मजाक में कहा, “मुझे तो जोधपुर की कचौरी अच्छी लगती है, कोटा की कचौरी का नाम नहीं सुना।”