Hanumangarh News : श्रीगंगानगर के जैतसर में हुए बैंक गबन के मामले में 20 खाताधारक 95 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं। इनमें 4 महिलाएं भी शामिल हैं। दरअसल, जैतसर के 3 जीबी ग्राम सेवा सहकारी समिति मिनी बैंक में करीब 9 करोड़ रुपये का गबन हो चुका है। (Hanumangarh News )अब गबन का शिकार बने खाताधारक अपनी जमा राशि वापस पाने के लिए हर संभव संघर्ष करने को तैयार हैं। इनका कहना है कि जब तक उनका पैसा नहीं मिलेगा, वे टंकी से नीचे नहीं आएंगे।
इंद्रजीत रंधावा का ऐलान
पूर्व बैंक अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह रंधावा ने टंकी पर चढ़े लोगों का समर्थन किया और एक वीडियो जारी किया। उन्होंने बताया कि लोगों ने अपनी जमा पूंजी शादी, व्यापार और घर बनाने के लिए बैंक में जमा की थी, लेकिन अब उनके पास कोई पैसा नहीं बचा है। रंधावा ने सहकारिता मंत्री और जिला कलेक्टर से अपील की है कि इन लोगों का पैसा लौटाया जाए, क्योंकि इनकी मांग पूरी करना सरकार का कर्तव्य है।
जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होतीं!”
सौरभ मोंगा, जो इस आंदोलन का हिस्सा हैं, ने बताया कि 95 दिन से धरने पर बैठे होने के बावजूद सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि कुछ भी हो जाए, वे तब तक टंकी से नीचे नहीं उतरेंगे, जब तक उनकी जमा राशि वापस नहीं मिलती। मोंगा ने यह भी दावा किया कि टंकी पर चढ़े लोगों की संख्या अब 30 तक पहुंच चुकी है, जिनमें चार महिलाएं भी शामिल हैं।
तीसरे आरोपी की गिरफ्तारी की मांग
इस मामले में अब तक एक आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि एक आरोपी की मौत हो चुकी है। लेकिन तीसरा आरोपी अभी तक गिरफ्त से बाहर है। खाताधारक मांग कर रहे हैं कि तीसरे आरोपी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
गलत ऋण वितरण के चलते हुआ गबन
जांच अधिकारियों के मुताबिक, बैंक में गबन का मुख्य कारण मियादी जमाओं के खिलाफ अनियमित रूप से ऋण वितरण करना था। समिति के कर्मचारियों ने जानबूझकर खाताधारकों की जमा पूंजी को गलत तरीके से ऋण के रूप में वितरित किया, और कई खाताधारकों की जमा रसीदें भी मिनी बैंक के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं की गई थीं। इस अनियमितता के कारण ही लाखों रुपये का गबन हुआ, और अब खाताधारक अपने पैसों के लिए सड़क पर हैं।
प्रशासन पर उठे सवाल, लापरवाही के आरोप
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और प्रशासन की लापरवाही पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सरकार और प्रशासन ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। वे चाहते हैं कि प्रशासन दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और उनके पैसों को वापस दिलवाने के लिए तुरंत कदम उठाए।