Gaza ceasefire: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा के लिए शांति और पुनर्वास योजना तैयार कर ली है, जिसे इजरायल और हमास दोनों ने स्वीकार भी कर लिया है। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर गाजा में युद्धविराम कब होगा? इजरायल ने अपनी सेना को गाजा से वापस बुलाने के लिए सहमति दे दी है और हमास ने शांति वार्ता के साथ-साथ कैदियों और बंधकों के आदान-प्रदान के (Gaza ceasefire)लिए सहमति जताई है। हालांकि, अभी तक हमास की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। जैसे ही हमास इस शांति योजना की पुष्टि करेगा, गाजा में युद्धविराम तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा।
हमास की पुष्टि होते ही युद्धविराम लागू होगा
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया कि इजरायल ने 21 सूत्रीय गाजा शांति योजना को मंजूरी दी है और हमास को भी शांति योजना भेजकर अल्टीमेटम दिया था, जिसे हमास ने अल्टीमेटम की समयावधि खत्म होने से पहले ही स्वीकार कर लिया। लेकिन अभी तक हमास की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। जैसे ही पुष्टि हो जाएगी, गाजा में युद्धविराम तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा।
ट्रंप ने शांति समर्थकों का आभार व्यक्त किया
अमेरिकी व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव ने राष्ट्रपति ट्रंप का एक वीडियो X हैंडल पर पोस्ट किया है, जिसमें ट्रंप उन सभी अरब देशों का आभार व्यक्त कर रहे हैं जिन्होंने गाजा संकट को खत्म करने के लिए उनकी शांति योजना का समर्थन किया।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि “उन देशों का बहुत-बहुत शुक्रिया, जिन्होंने इजरायल और हमास को गाजा में जंग रोकने के लिए मनाने में मदद की।” कतर, तुर्की, सऊदी अरब, मिस्र, जॉर्डन और कई अन्य देशों ने गाजा की शांति के लिए संघर्ष किया। अब गाजा में युद्धविराम सबसे बड़ा दिन होगा और उस शहर को फिर से बसते देखने की उम्मीद जगेगी।
7 अक्टूबर 2023 से जारी संघर्ष
7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला किया था, जिसके बाद इजरायल ने फिलीस्तीन के आतंकी संगठन हमास को खत्म करने की ठानी और गाजा में हमला किया। अब तक इस संघर्ष में 25,000 से ज्यादा हमास आतंकवादी मारे जा चुके हैं, लेकिन गाजा शहर बर्बाद हो चुका है।
गाजा की स्थिति: भुखमरी, महामारी और तबाही
गाजा में आज लोग खुले आसमान के नीचे नरक जैसी जिंदगी जी रहे हैं। इजरायल के हमलों ने गाजा में सभी इमारतें और घरों को ध्वस्त कर दिया है। वहां भुखमरी, अकाल, महामारी और कुपोषण फैला हुआ है, और लोग भूखे-प्यासे मरने के लिए मजबूर हैं।