नकली SEBI अधिकारी कर रहे करोड़ों की ठगी, पुलिस ने कहा– सावधान रहें, जांचें हर दस्तावेज़!

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SEBI fraud

SEBI fraud: साइबर अपराधी लगातार अपनी रणनीतियाँ बदलते जा रहे हैं, और अब उन्होंने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) जैसे प्रतिष्ठित संस्थान के नाम का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया है। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने आम जनता और निवेशकों को इस नई तरह की धोखाधड़ी को लेकर अलर्ट किया है।(SEBI fraud) पुलिस के मुताबिक, अपराधी सेबी के नकली लेटरहेड, फर्जी रिकवरी सर्टिफिकेट और सील का इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि वे खुद को सेबी अधिकारी बताकर लोगों को झांसा दे सकें।

कैसे बिछाया जा रहा है यह जाल?

राजस्थान साइबर क्राइम एसपी शांतनु कुमार ने बताया कि साइबर ठग उन निवेशकों को निशाना बना रहे हैं, जिन्हें पहले किसी स्कीम या प्लेटफॉर्म में नुकसान हुआ है। वे उन्हें नकली दस्तावेजों के ज़रिए पैसे की रिकवरी का झांसा देते हैं। इन दस्तावेजों में SEBI का लेटरहेड, सिग्नेचर और सील इतनी सफाई से कॉपी की जाती है कि सामान्य व्यक्ति के लिए असली-नकली पहचानना मुश्किल हो जाता है।

SEBI के असली आदेश और नोटिस की पहचान कैसे करें?

SEBI ने आम निवेशकों को सचेत रहने के लिए कुछ खास निर्देश दिए हैं, जिनकी मदद से किसी भी दस्तावेज की सत्यता जांची जा सकती है:

  • SEBI की आधिकारिक वेबसाइट ही प्रमाणिक स्रोत है: सेबी द्वारा पारित सभी आदेश Home > Enforcement > Orders सेक्शन में उपलब्ध होते हैं।
  • रिकवरी सर्टिफिकेट की पुष्टि: ये Enforcement > Recovery Proceedings सेक्शन में चेक किए जा सकते हैं।
  • UDIN नंबर से जांच: हर सेबी दस्तावेज़ में एक यूनिक डॉक्युमेंट आईडी (UDIN) होती है, जिसे आप Authenticate Document Number पेज पर जाकर सत्यापित कर सकते हैं।
  • सेबी अधिकारियों की जानकारी: किसी भी अधिकारी की पहचान आप SEBI Directory में नाम, ईमेल और कॉन्टैक्ट नंबर से कर सकते हैं।
  • ईमेल सत्यापन: SEBI केवल ‘@sebi.gov.in’ डोमेन से ईमेल भेजता है। किसी भी अन्य ईमेल से आए आदेश को फर्जी मानें।

अगर साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो जाएं तो क्या करें?

राजस्थान पुलिस ने कहा है कि अगर किसी व्यक्ति को इस तरह की धोखाधड़ी का सामना करना पड़े, तो वे तुरंत नीचे दिए गए माध्यमों से रिपोर्ट करें:

  • साइबर हेल्पलाइन नंबर: 1930
  • राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल: cybercrime.gov.in
  • निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर थाना

जागरूक रहें, सुरक्षित रहें

पुलिस और सेबी दोनों ने साफ किया है कि निवेशकों को किसी भी संदिग्ध दस्तावेज पर तुरंत कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। पहले उसकी प्रामाणिकता जांचें। जागरूकता ही साइबर अपराध से सुरक्षा का सबसे कारगर तरीका है।

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