एलन मस्क की स्टारलिंक भारत में एंट्री, मुंबई में खुला पहला ऑफिस…इंटरनेट क्रांति का आगाज़ शुरू!

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Elon Musk
Elon Musk : स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक सैटेलाइट कम्यूनिकेशन्स प्राइवेट लिमिटेड भारत में अपनी आधिकारिक मौजूदगी दर्ज कराने जा रही है। कंपनी ने मुंबई के चांदिवली में लगभग 1,294 वर्ग फुट का ऑफिस स्पेस 5 साल की लीज पर लिया है (Elon Musk) यह पहला आधिकारिक ऑफिस माना जा रहा है।

मुंबई में डेमो रन

स्टारलिंक ने 30 और 31 अक्टूबर को मुंबई में टेक्निकल और सिक्योरिटी डेमो रन आयोजित करने की घोषणा की है, जिनमें अपने हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट नेटवर्क की क्षमता का प्रदर्शन किया जाएगा। कंपनी के मुताबिक् इसे भारत में सैटेलाइट-इंटरनेट कनेक्टिविटी के नए युग की शुरुआत माना जा रहा है। डेमो के बाद ही कंपनी भारत में कमर्शियल लॉन्चिंग के निर्णय पर आगे बढ़ सकती है।

चांदिवली स्थित कार्यालय के पांच साल के लीज समझौते की रकम रिपोर्टों में लगभग ₹2.33 करोड़ बताई जा रही है। इस कदम को एलन मस्क की कंपनी की भारत में पहली आधिकारिक उपस्थिति के रूप में देखा जा रहा है, जो कि देश के दूरदराजी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड पहुंच बढ़ाने का संकेत है।

स्टारलिंक वर्तमान में 150 से अधिक देशों में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा प्रदान करती है और लाखों यूज़र्स के लिए लो-लेटेंसी, हाई-स्पीड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराती है — विशेषकर रूरल, समुद्री और हवाई परिवहन सेक्टर्स में।

क्या मंजूरी मिल चुकी है?

रिपोर्टों में मिली जानकारी के अनुसार कुछ तकनीकी और नियामक मंजूरियों की प्रक्रिया चल रही है। वहीं दूसरी ओर यह भी बताया जा रहा है कि कुछ जरूरी गेटवे सेटअप और DoT व IN-SPACe से सम्बन्धित अनुमोदन मिल चुके हैं। हालांकि स्पेक्ट्रम क्लियरेंस और कुछ प्रशासनिक अनुमोदनों के मामले में अभी अंतिम औपचारिकताएँ शेष हो सकती हैं।

भारतीय नियम, कीमत और TRAI की भूमिका

विशेषज्ञों का मानना है कि स्टारलिंक की एंट्री से भारत में सैटेलाइट-इंटरनेट बाजार में कड़ा प्रतिस्पर्धा शुरू होगी, जिससे सेवा-गुणवत्ता और कवरेज में बड़ा सुधार हो सकता है। रिपोर्टों के अनुसार TRAI जनवरी-फरवरी 2026 तक भारत में स्टारलिंक सर्विस के लिए प्राइस पॉलिसी/रैटक्टिक तय कर सकता है।

किस तरह के क्षेत्र लाभान्वित होंगे?

  • दूरदराज और ग्रामीण इलाके जहाँ पारंपरिक ब्रॉडबैंड उपलब्ध नहीं है।
  • आपदा-प्रभावित क्षेत्र जहां फाइबर/मोबाइल नेटवर्क क्षतिग्रस्त होते हैं।
  • समुद्री और हवाई क्षेत्र (शिपिंग, एविएशन) — जहां सतही नेटवर्क उपलब्ध नहीं।

क्या उम्मीद रखें

डेमो रन के नतीजों और शेष नियामक मंजूरियों के आधार पर कंपनी कमर्शियल लॉन्च की तारीख घोषित करेगी। अगर TRAI और संबंधित विभागों द्वारा नियम एवं फीस पर सहमति बनती है, तो 2026 की शुरुआत तक भारत में स्टारलिंक सर्विस का प्राइस और लॉन्च-फेज़ स्पष्ट हो सकता है।

 

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