याचिका की पैरवी
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अनिता अग्रवाल और लक्ष्मीकांत टेलर ने अदालत में दलील दी कि डॉ. विनय ने आवश्यक सेवा अवधि पूर्ण कर ली है और उन्होंने 7 अक्तूबर 2025 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया था। याचिकाकर्ता का कहना था कि वह अंता विधानसभा उपचुनाव में नामांकन करना चाहते हैं — जिसकी आखिरी तारीख 21 अक्तूबर 2025 है — इसलिए आवेदन पर शीघ्रता से निर्णय दिया जाना चाहिए।
सरकार का कहना — विशेषज्ञों की कमी का हवाला
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील विज्ञान शाह (AAG) ने अदालत को बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में विशेषज्ञ डॉक्टरों की गंभीर कमी है। इसलिए विनय की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मंजूर होने से प्रशासनिक और स्वास्थ्य सेवा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। सरकार ने यह भी तर्क दिया कि चुनाव लड़ना स्वतः ‘मौलिक अधिकार’ नहीं है और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए राज्य की मंजूरी आवश्यक है।
हाईकोर्ट का आदेश — नियम 50(1) का हवाला
सुनवाई के बाद एकलपीठ ने राजस्थान सर्विस रूल्स के नियम 50(1) का हवाला देते हुए कहा कि यदि आवेदन पर तीन माह में कोई निर्णय नहीं लिया जाता तो स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति स्वतः प्रभावी मानी जाएगी। कोर्ट ने स्थिति स्पष्ट कराते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह इस मामले में 20 अक्तूबर 2025, शाम 6 बजे तक निर्णय लेकर याचिकाकर्ता को सूचित करे।
आगे की राह और अहम तिथियाँ
- डॉ. विनय मल्होत्रा ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति हेतु आवेदन: 7 अक्तूबर 2025
- अंता विधानसभा उपचुनाव में नामांकन की अंतिम तिथि: 21 अक्तूबर 2025
- हाईकोर्ट द्वारा सरकार को निर्णय देने की अंतिम तिथि: 20 अक्तूबर 2025, शाम 6 बजे
यदि सरकार 20 अक्तूबर तक सकारात्मक या नकारात्मक निर्णय नहीं लेती, तो नियम 50(1) के अनुसार आवेदन स्वतः प्रभावी माना जा सकता है — जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव याचिकाकर्ता की चुनावी भागीदारी पर पड़ेगा।