RAS Priyanka Bishnoi Death: जोधपुर की 33 वर्षीय सहायक कलेक्टर प्रियंका बिश्नोई का बुधवार रात अहमदाबाद के अस्पताल में निधन हो गया। महज 15 दिनों के उपचार के बाद उनका इस दुनिया से जाना, हर किसी को झकझोर गया है। 20 दिन पहले जोधपुर के वसुंधरा अस्पताल में बच्चेदानी का ऑपरेशन हुआ था, लेकिन ऑपरेशन के बाद उनकी हालत बिगड़ गई, और परिवार ने डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
परिवार का आरोप: क्या हुई चिकित्सा में लापरवाही?
प्रियंका के परिवार का कहना है कि उन्हें पेट में दर्द की शिकायत थी और अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने लापरवाही बरती। परिवार के सदस्यों ने स्पष्ट तौर पर वसुंधरा अस्पताल के डॉक्टरों पर दोषारोपण किया है। प्रियंका की मां ने कहा, “हमने विश्वास किया कि वे उसे सही इलाज देंगे, लेकिन परिणाम भयावह थे। क्या हमें कभी इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ेगा?”
जांच कमेटी का गठन: क्या खुलासा करेगा सच?
जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच के लिए पांच डॉक्टरों की टीम बनाई है। टीम में गायनी, मेडिसिन, सर्जरी, न्यूरोलॉजी और एनेस्थीसिया के विशेषज्ञ शामिल हैं। रिपोर्ट आने के बाद यदि लापरवाही सिद्ध होती है, तो क्या अस्पताल पर कड़ी कार्रवाई होगी? यह एक बड़ा सवाल है। कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि रिपोर्ट के अनुसार ही उचित कदम उठाए जाएंगे।
प्रशासनिक करियर: एक प्रेरणा की कहानी
प्रियंका की सेवाएं डूंगरपुर, चुरू और विजयनगर में रही हैं। अगस्त में जोधपुर में सहायक कलेक्टर पद पर जॉइन करने के बाद, 15 अगस्त को उन्हें प्रशंसा भी मिली थी। उनके करियर की शुरुआत बहुत संघर्षपूर्ण रही, लेकिन उनकी मेहनत ने उन्हें एक प्रतिष्ठित पद तक पहुंचाया। प्रियंका ने बताया था कि वह 8वीं कक्षा से ही RAS बनने का सपना देख रही थीं।
अस्पताल का तर्क: सर्जरी में कोई समस्या नहीं थी
वसुंधरा अस्पताल के डॉक्टरों ने दावा किया है कि ऑपरेशन में कोई कॉम्प्लिकेशन नहीं था। उन्होंने कहा कि प्रियंका के ब्रेन में जन्मजात एवी मालफॉर्मेशन था, जो ऑपरेशन के बाद लीक हुआ। लेकिन क्या यह अस्पताल की जिम्मेदारी नहीं थी कि वे मरीज को इस बारे में स्पष्ट जानकारी देते?
शोक की लहर: बिश्नोई समाज में दुख का माहौल
प्रियंका के निधन की खबर ने बिश्नोई समाज में शोक की लहर पैदा कर दी है। उनकी मेहनत, संघर्ष और योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। प्रियंका की माता ने कहा, “वह हमारी शान थी, और अब हमें उसकी यादों में जीना होगा।”
क्या प्रियंका के परिवार को मिलेगा न्याय?
जांच रिपोर्ट का इंतजार है, और यह देखना होगा कि क्या अस्पताल के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होती है या नहीं। प्रियंका बिश्नोई की प्रेरणादायक कहानी सदैव हमारे दिलों में जीवित रहेगी, लेकिन क्या उनकी स्मृति के सम्मान में उचित कार्रवाई होगी? यह सवाल हर किसी के मन में है।