weather update: दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के ज्यादातर इलाकों में पिछले चार-पांच दिनों से बारिश का दौर थम गया है, जिससे लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, अब मौसम विभाग ने एक बार फिर से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के कई इलाकों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, 16-17 सितंबर के बीच पहाड़ों पर एक(weather update) नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है, जिससे एक बार फिर उत्तर भारत में बारिश का दौर शुरू हो सकता है।
बारिश का दौर शुरू होने की संभावना
मौसम विभाग के मुताबिक, यूपी, बिहार और देश के कई राज्यों में मानसून सक्रिय होने वाला है। इसके चलते आंधी-तूफान के साथ झमाझम बारिश की आशंका जताई जा रही है। IMD के अनुसार, रविवार से सोमवार तक राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में तेज हवाएं चलने की संभावना है। हवाओं की रफ्तार 30 से 40 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है, और कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जबकि कुछ स्थानों पर भारी बारिश भी हो सकती है।
महाराष्ट्र में भी बारिश का अलर्ट
महाराष्ट्र के कई जिलों में भी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। IMD के मुताबिक, दक्षिण कोंकण के कुछ स्थानों पर तेज बारिश की संभावना है। वहीं, दक्षिण मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में बिजली कड़कने के साथ 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। इस दौरान कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
मराठवाड़ा और विदर्भ के जिलों में बारिश का अलर्ट
मराठवाड़ा के सभी आठ जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान धाराशिव और लातूर में भारी बारिश हो सकती है। वहीं, विदर्भ के सभी 11 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। अकोला, अमरावती, नागपुर और भंडारा जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
पंजाब और यूपी में बाढ़ की स्थिति
पंजाब में अभी भी बाढ़ का असर देखने को मिल रहा है, खासकर लुधियाना में। वहीं, यूपी के कई इलाकों में गंगा और यमुना अभी भी उफान पर हैं, जिसके चलते कई मकानों के गिरने और इलाकों में पानी भरने की खबरें सामने आ रही हैं। यूपी के फर्रुखाबाद, उन्नाव, कन्नौज, फतेहपुर, इटावा, औरैया के कई गांवों के संपर्क मार्ग बाढ़ में डूब गए हैं। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में बारिश की गतिविधियां और तेज हो सकती हैं, जिससे बाढ़ और जलभराव की स्थिति और गंभीर हो सकती है।



































































