व्हाइट कॉलर टेरर का खुलासा: डॉक्टर बने आतंक के हथियार, लाल किला धमाका से हिल गया देश

2
Red Fort explosion

क्या मिला

  • घटनास्थल से पहले की गिरफ्तारियों के दौरान भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद।
  • जांच में दो बड़े आतंकवादी संगठन — जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवात-उल-हिंद — से जुड़े होने के संकेत मिले।
  • यह मॉड्यूल एक “व्हाइट-कॉलर टेरर” इकाई के रूप में सामने आया है जिसमें पढ़े-लिखे पेशेवर — विशेषकर डॉक्टर — शामिल थे।
  • मॉड्यूल का दायरा जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ पाया गया।

मुख्य आरोपियों का प्रोफ़ाइल

डॉ. मोहम्मद उमर

  • मूल निवासी: पुलवामा के कोइल गांव।
  • फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में नियुक्त।
  • आरोप: कथित किंगपिन; धमाके में प्रयुक्त कार उसी के नाम पर; घटना के समय वह उसी कार में मौजूद था — DNA परीक्षण से पुष्टि बाकी।
  • परिवार (मां शमीमा बानो, भाई आशिक व जहूर) हिरासत में।

डॉ. आदिल राठर

  • मूल निवासी: कुलगाम (काजीगुंड)।
  • शिक्षा/रोल: GMC श्रीनगर (MBBS), अनंतनाग मेडिकल कॉलेज में सीनियर रेजिडेंट; बाद में प्राइवेट हॉस्पिटल में कार्य।
  • आरोप: उनकी लॉकर से AK-47 बरामद; टेलीग्राम पर रैडिकलाइजेशन व फंडिंग के साक्ष्य मिले।

डॉ. मुजम्मिल

  • उम्र 35 साल, पुलवामा का निवासी।
  • पूर्व वतिनी: असिस्टेंट प्रोफेसर, अल-फलाह यूनिवर्सिटी (फरीदाबाद)।
  • दो किराये के आवासों (धौज व फतेहपुर टगा, फरीदाबाद) से लगभग 2,900 किलो विस्फोटक और हथियार बरामद।
  • वांटेड: 30 अक्टूबर 2025; गिरफ्तार: 9 नवम्बर 2025, फरीदाबाद।
  • पहचाना गया — ‘व्हाइट कॉलर टेरर इकोसिस्टम’ का मास्टरमाइंड।

डॉ. शाहीन

  • लखनऊ (लाल बाग) निवासी; फरीदाबाद के अल-फलाह हॉस्पिटल में काम।
  • 9 नवम्बर 2025 को फरीदाबाद में गिरफ्तार, श्रीनगर भेजकर पूछताछ जारी।
  • उनकी कार और संबंधित हथियार भी जब्त।

अन्य आरोपी

  • डॉ. सज्जाद अहमद माला — पुलवामा निवासी, उमर का परिचित; हिरासत में।
  • डॉ. परवेज अंसारी — शाहीन के भाई; यूपी एटीएस हिरासत में; उनकी कार की कनेक्शन और कॉल रिकॉर्ड धमाके से जुड़े हुए मिले।

जांच-प्रक्रिया और अगले कदम

जांच एजेंसियाँ फिलहाल निम्न बिंदुओं पर काम कर रही हैं:

  1. धमाके में इस्तेमाल कार और कार में सवार व्यक्ति की पहचान के लिए DNA परीक्षण और फॉरेंसिक परीक्षण।
  2. पूछताछ के दौरान नेटवर्क, फंडिंग स्रोत, हैंडलर्स और सोशल-मीडिया लिंक की ट्रेसिंग।
  3. मॉड्यूल के अन्य संभावित सदस्यों और उनके ठिकानों की पहचान व गिरफ्तारी।
  4. NIA द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर समन्वित छापे और अंतर-प्रांतीय सहयोग।

सरकारी सूत्रों और जांच एजेंसियों ने मामले की गंभीरता स्वीकार करते हुए कहा है कि पूरे नेटवर्क की तह तक जाँच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here