गहलोत-पायलट फिर एक मंच पर! कांग्रेस ने अंता उपचुनाव में 40 दिग्गज उतारे…बीजेपी के लिए सिरदर्द बढ़ा!

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Rajasthan Politics:
Rajasthan Politics: अंता उपचुनाव में जीत दर्ज करने के मकसद से कांग्रेस पार्टी ने कुल 40 बड़े नेता और स्टार प्रचारक मैदान में उतारे हैं। पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं की यह टुकड़ी भेजकर स्थानीय संगठन और वोटर बेस को सक्रिय करने की रणनीति अपनाई है। (Rajasthan Politics)मतदान 11 नवंबर और मतगणना 14 नवंबर को निर्धारित है।

किसे भेजा गया प्रचार के लिए — बड़े नाम

कांग्रेस ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची में राज्य और राष्ट्रीय स्तर के कई बड़े चेहरे शामिल किए हैं — जिनमें प्रमुख हैं:

  • अशोक गहलोत
  • सचिन पायलट
  • गोविंद सिंह डोटासरा
  • टीकाराम जूली
  • सुखजिंदर सिंह रंधावा

अन्य शामिल नाम

सूची में कई अन्य प्रादेशिक नेता और संगठनकर्ता भी शामिल हैं जिनकी जमीनी पकड़ और संगठनात्मक क्षमता का उपयोग पार्टी करने जा रही है — जैसे:

  • डॉ. C.P. जोशी
  • अशोक चंदना
  • जितेन्द्र सिंह
  • हरिश चौधरी
  • मोहन प्रकाश
  • धीरज गुर्जर
  • दिव्या मदेरणा
  • शांति धारिवाल
  • रामलाल जाट
  • अर्जुन सिंह बामणिया
  • हरिमोहन शर्मा
  • मुरारी लाल मीणा
  • भजन लाल जाटव
  • उम्मेदा राम बेनीवाल
  • रामकेश मीणा

क्यों अहम है यह सीट — पृष्ठभूमि

अंता सीट वहॉं खाली हुई थी क्योंकि पूर्व विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द हो चुकी है। वे 2005 के एक मामले में सज़ा के चलते अयोग्य ठहराये गए थे। इस उपचुनाव में तीन प्रमुख समीकरण लगातार उभरकर आ रहे हैं — संगठन शक्ति, स्थानीय नेतृत्व और जातिगत समीकरण।

कौन-कौन मुख्य प्रत्याशी हैं

अंता उपचुनाव में फिलहाल प्रमुख दावेदार हैं:

  • कांग्रेस — प्रमोद जैन भाया (प्रमुख और राष्ट्रीय अनुभवी)
  • BJP — मोरपाल सुमन
  • निर्दलीय — नरेश मीणा
  • वैकल्पिक उम्मीदवार — प्रमोद जैन भाया की पत्नी उर्मिला जैन (नामांकन भरा)

इसलिए यह सीट तीन-तरफ़ा मुकाबले (त्रिकोणीय लड़ाई) की श्रेणी में आ रही है।

जातिगत समीकरण — जीत की असली कुंजी

अंता विधानसभा में कुल मतदान करने वाले करीब 2.25 लाख मतदाता हैं। महत्वपूर्ण सामाजिक समूह और उनका अनुमानित प्रभाव:

  • माली समुदाय — लगभग 40,000 मतदाता
  • अनुसूचित जाति — लगभग 35,000 मतदाता
  • मीणा समुदाय — करीब 30,000 मतदाता
  • अन्य समूह — धाकड़, ब्राह्मण, बनिया, राजपूत व अन्य

इन सामाजिक समीकरणों को साधना और वोट बैंक को सक्रिय रखना चुनाव परिणाम तय करने में निर्णायक होगा।

कांग्रेस की रणनीति और अपेक्षाएँ

कांग्रेस का मानना है कि स्टार प्रचारकों की सक्रियता स्थानीय संगठन और मतदाताओं तक संदेश पहुँचाने में निर्णायक होगी। पार्टी खासकर ग्रामीण और जातिगत वोटों पर अपना फोकस बढ़ा रही है ताकि त्रिकोणीय मुकाबले में बड़ा अंतर बनाया जा सके।

 

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