Churu Crime News: कहते हैं, जेल अपराधियों को सजा देने की जगह होती है, लेकिन राजस्थान की सादुलपुर सब-जेल में तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही है।(Churu Crime News) वायरल वीडियो में कैदियों को शराब पीते, डांस करते और सोशल मीडिया के लिए रील बनाते देखा जा सकता है। क्या जेल अब ‘पार्टी हाउस’ बन गई है?
इस वीडियो ने न सिर्फ जेल प्रशासन की पोल खोल दी है, बल्कि यह सवाल भी उठा दिया है कि जब कैदी सलाखों के पीछे ऐश कर रहे हैं, तो कानून का डर किसे रहेगा?
रिश्वत का खेल: ‘एक लाख दो, जेल में ऐश करो!’
हरियाणा के ईशरवाल निवासी नवीन कुमार का सनसनीखेज आरोप—
“जेलर ने मेरे भाई मोहित से सुविधाओं के बदले 1 लाख रुपए मांगे!”
“रुपए देने से मना किया तो मारपीट की गई!”
मोहित 1 अप्रैल 2024 से आर्म्स एक्ट के तहत सादुलपुर जेल में बंद है। 12 फरवरी को जेल से फोन कर उसने अपने भाई को पूरी बात बताई। अगले ही दिन एसडीएम वीनू वर्मा को ज्ञापन सौंपा गया, और अब पूरे मामले की जांच ट्रैनी आईपीएस निश्चय प्रसाद कर रहे हैं।
लेकिन बड़ा सवाल यह है— क्या यह पहली बार हुआ है या जेल में सालों से यह खेल चल रहा है?
जेल से मिली थी CM को धमकी, फिर भी नहीं सुधरी व्यवस्था!
यह घटना तब और चौंकाने वाली हो जाती है जब याद आता है कि जनवरी 2024 में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जेल से धमकी भरा फोन आया था। इस पर खूब हंगामा हुआ, लेकिन आज भी जेलों में अपराधियों को VIP सुविधाएं मिल रही हैं।
क्या सरकार और प्रशासन इन मामलों को दबाने की कोशिश कर रहा है?
वीडियो में कौन-कौन? कत्ल के आरोपी भी कर रहे पार्टी!
वीडियो 1: 7 कैदी डांस कर रहे हैं, जिनमें से एक अंकित (पीली टी-शर्ट) 2019 में ट्रांसपोर्ट व्यापारी सुरेंद्र जाड़िया की हत्या के आरोप में जेल में बंद है।
वीडियो 2: 5 लोग जमीन पर बैठकर शराब पी रहे हैं। इनमें मोहित सिंह भी शामिल है, जिसे 1 अप्रैल 2024 को आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार किया गया था।
यानी जेल में संगीन अपराधी भी खुलेआम पार्टी कर रहे हैं!
जेल प्रशासन का घिसा-पिटा बहाना: ‘वीडियो पुराना है’
जब वीडियो वायरल हुआ, तो जेल प्रशासन की तरफ से वही पुराना जवाब आया—
“वीडियो नया नहीं है, 15 अक्टूबर 2024 को तलाशी में बैरक नंबर 4 से एक मोबाइल बरामद हुआ था।”
लेकिन सवाल यह है कि—
जेल में शराब कहां से आई?
कैदियों को मोबाइल और इंटरनेट की सुविधा कौन दे रहा है?
रिश्वतखोरी के खेल में कितने बड़े अधिकारी शामिल हैं?
कानून के मुंह पर तमाचा! आखिर कौन है जिम्मेदार?
कैदी जेल में बैठे-बैठे धमकी दे रहे हैं, सोशल मीडिया चला रहे हैं, शराब पार्टी कर रहे हैं। क्या ये जेल है या किसी ‘माफिया क्लब’ का सीक्रेट ठिकाना?
क्या जेल प्रशासन खुद इस ‘गंदे खेल’ में शामिल है?
कब तक रिश्वत के दम पर कैदियों को VIP ट्रीटमेंट मिलता रहेगा?
अब देखना यह है कि सरकार और प्रशासन कोई ठोस कदम उठाएगा या फिर यह मामला भी दूसरी जेल स्कैंडलों की तरह दबा दिया जाएगा!