चीन का बड़ा बयान…हम रूस के खिलाफ नहीं, अमेरिकी दबाव को नकारते हैं

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NATO: अमेरिका और नाटो (NATO) देशों के बीच रूस को तेल खरीद पर टैरिफ और प्रतिबंध लगाने की बढ़ती मांग के बीच चीन ने साफ कर दिया है कि वह किसी युद्ध की साजिश में शामिल नहीं है और न ही उसमें भाग लेता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की नाटो देशों से अपील

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में नाटो देशों से अपील की कि वे रूस से तेल खरीद बंद करें और उस पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाएं. ट्रंप ने कहा कि कुछ नाटो देश अब भी रूस से तेल खरीदकर गठबंधन की स्थिति कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अमेरिका तब तक बड़े स्तर पर रूस पर नए प्रतिबंध नहीं लगाएगा, जब तक नाटो देश एकजुट होकर ऐसा कदम नहीं उठाते।

चीन के विदेश मंत्री वांग यी का बयान

इसी बीच स्लोवेनिया की यात्रा के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बयान दिया कि युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है और प्रतिबंध केवल परिस्थितियों को और जटिल बनाते हैं। वांग यी ने कहा कि चीन न तो युद्ध की साजिश करता है और न ही उसमें शामिल होता है, जो अमेरिका को सीधा संदेश माना जा रहा है।

भारत और चीन पर भी दबाव

अमेरिका पहले ही रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर भारी टैरिफ लगा चुका है, जबकि चीन पर अभी सीधे प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं। ट्रंप प्रशासन चाहता है कि जी-7 (G7) देश भी भारत और चीन पर दबाव बढ़ाएं, क्योंकि ये दोनों देश रूस के बड़े ऊर्जा खरीदार हैं।

अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट का बयान

जी-7 वित्त मंत्रियों की बैठक में अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि जब तक रूस के तेल से होने वाली आय पूरी तरह नहीं रोकी जाती, तब तक पुतिन की ‘युद्ध मशीन’ को कमजोर नहीं किया जा सकता। उन्होंने सभी देशों से मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील की।

अमेरिका-चीन संबंधों पर वांग यी का रुख

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बातचीत में भी साफ किया कि दोनों देशों को अपने रास्ते से भटकना नहीं चाहिए और सहयोग बनाए रखना चाहिए। चीन ने संकेत दिया कि वह किसी भी स्थिति में टकराव की राह पर नहीं चलना चाहता।

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