Adani Controversy : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शराब घोटाले के एक मामले में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के दो दिन बाद, भूपेश बघेल ने अपने बेटे से मुलाकात की और फिर मीडिया से बातचीत में (Adani Controversy)केंद्र सरकार और अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए।
“अडानी के खिलाफ आवाज उठाने का नतीजा”
चैतन्य बघेल से 30 मिनट की मुलाकात के बाद भूपेश बघेल ने कहा, “मेरे बेटे के खिलाफ कोई मामला नहीं है। यह गिरफ्तारी अडानी समूह के खिलाफ उठ रही आवाजों को दबाने की एक साजिश है। जो भी अडानी के खिलाफ बोलेगा, उसका हाल मेरे बेटे जैसा किया जाएगा।”
ED के मुताबिक, चैतन्य बघेल को कथित शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये मिले। एजेंसी का दावा है कि उन्होंने 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की आपराधिक कमाई के लेन-देन में अहम भूमिका निभाई है।
जांच में सामने आया है कि चैतन्य की दो फर्मों को सहेली ज्वेलर्स से 5 करोड़ रुपये मिले थे। ईडी के अनुसार, यह फंड शराब घोटाले की नकदी के बदले में ट्रांसफर किया गया था। इनमें से 4.5 करोड़ रुपये अब तक वापस नहीं किए गए हैं।
कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?
रिमांड याचिका में बताया गया है कि लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू ने स्वीकार किया है कि उसने चैतन्य बघेल के सहयोग से 1000 करोड़ रुपये की नकदी का लेन-देन किया। बंसल ने यह राशि अनवर ढेबर से प्राप्त की थी, जो शराब सिंडिकेट का एजेंट था।
चैतन्य के निर्देश पर लाखों की डिलीवरी
बंसल ने यह भी बताया कि चैतन्य के निर्देश पर के.के श्रीवास्तव को 80-100 करोड़ रुपये नकद दिए गए। यह नकदी दिपेन चावड़ा के माध्यम से अनवर ढेबर से प्राप्त हुई थी और आगे राम गोपाल अग्रवाल तक भी पहुंचाई गई।
यह गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ की राजनीति में नई बहस को जन्म दे चुकी है। भूपेश बघेल का दावा है कि यह गिरफ्तारी पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है, जबकि ED का कहना है कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं। मामले की जांच अब भी जारी है।