कौन बनेगा नया मंत्री? किसकी कुर्सी छिनेगी? CM भजनलाल की दिल्ली मुलाकात ने बढ़ाई हलचल!

Cabinet Reshuffle

Cabinet Reshuffle: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एक हफ्ते में दूसरी बार दिल्ली दौरे पर हैं — मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर सियासी गलियारों में नई चर्चा जोरों पर।

राजस्थान की राजनीति में फिर हलचल है। (Cabinet Reshuffle)मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एक हफ्ते में दूसरी बार दिल्ली दौरे पर जा रहे हैं और इसी के साथ मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री दिल्ली में पार्टी के कई बड़े नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करेंगे — इस मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा का माहौल है कि क्या कैबिनेट में बड़ा फेरबदल तय है।

पिछले हफ्ते राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष मदन राठौड़ की नई कार्यकारिणी घोषित हुई। प्रदेश पदाधिकारी तय होने के बाद अब निगाहें राजनीतिक नियुक्तियों और मंत्रिमंडल विस्तार पर टिक गई हैं। माना जा रहा है कि भजनलाल सरकार अपनी दूसरी वर्षगांठ से पहले बड़ा reshuffle कर सकती है।

कौन बचाएगा कुर्सी, किस पर संकट?

सूत्रों का कहना है कि सरकार ने संभावित फेरबदल का पूरा “होमवर्क” कर लिया है। निजी एजेंसियों से मंत्रियों की परफॉर्मेंस, जनता से जुड़ाव, क्षेत्रीय पकड़ और एंटी-इंकम्बेन्सी जैसे पहलुओं पर सर्वे कराया गया। खबरें हैं कि लगभग आधा दर्जन मंत्रियों की कुर्सी हिल सकती है, जबकि कुछ पसंदीदा चेहरों को प्रमोशन मिलने के संकेत भी मिल रहे हैं। फिलहाल कैबिनेट में 6 पद खाली बताए जा रहे हैं।

पुराने चेहरे वापसी पर चर्चा

सूत्र बताते हैं कि वसुंधरा राजे के शासनकाल में मंत्री रहे कुछ पुराने चेहरे वापसी कर सकते हैं — जिनमें पुष्पेंद्र सिंह राणावत और श्रीचंद कृपलानी के नाम चर्चित हैं। साथ ही गुर्जर समुदाय से मंत्री जवाहर बेढम के प्रमोशन की चर्चा भी जोर पकड़ रही है। जातीय संतुलन के मद्देनज़र एक जाट, एक सिख और एक यादव चेहरे को शामिल किए जाने की अटकलें भी लग रही हैं।

सीएमओ का दावा है कि दिल्ली दौरा केवल ‘सामान्य कार्य-योजना’ का हिस्सा है और इससे प्रदेश को विकास योजनाओं और केंद्रीय मंजूरियों में लाभ पहुंचता रहा है। हालांकि राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि जब शीर्ष नेतृत्व से लगातार मिलने की नौबत आती है तो नियुक्तियों और संरचनात्मक फेरबदल की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं।

दिल्ली से क्या-क्या सौगातें आ सकती हैं?

बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री केंद्रीय मंत्रियों से जल, ऊर्जा, मेट्रो, शहरी विकास, कृषि, रिफाइनरी और कौशल विकास से जुड़ी परियोजनाओं पर भी चर्चा करेंगे। प्रदेश की नजरें इसी पर टिकी हैं — खासकर उन ‘सौगातों’ पर जो लोकल विकास और चुनावी सन्दर्भ में महत्व रखती हैं।

क्या होगा आगे?

राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि बैठक के बाद कैबिनेट विस्तार की प्रक्रिया कभी भी तेज़ हो सकती है। माना जाए तो इस हफ्ते के भीतर कुछ बड़ी घोषणाएँ देखने को मिल सकती हैं — पर आधिकारिक पुष्टि कैबिनेट आदेश और पार्टी बयान के बाद ही संभव है।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version