Ceasefire Astrology: जब दो परमाणु ताकतें अचानक युद्ध विराम की घोषणा करती हैं, तो यह पूरी दुनिया के लिए राहत की बात होती है। लेकिन क्या यह निर्णय केवल रणनीतिक सोच का परिणाम है, या इसके पीछे ग्रहों की अदृश्य भूमिका भी है? प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. अक्षय गौतम का मानना है कि (Ceasefire Astrology)यह सीजफायर किसी संयोग का परिणाम नहीं, बल्कि ग्रहों की एक सुनियोजित चाल है।
मंगल, शनि और राहु का खेल
पं. गौतम के अनुसार, वर्तमान समय में मंगल कर्क राशि में नीच का होकर कमजोर स्थिति में है, जिससे आक्रामकता में कमी आई है। शनि, जो न्याय और नियंत्रण का प्रतीक है, सप्तम भाव में दृष्टि डाल रहा है — यह संवाद और सहयोग का भाव दर्शाता है, जिससे राजनीतिक स्तर पर बातचीत संभव हो सकी।
हालांकि असली चिंता का विषय है राहु, जो भ्रम, अस्थिरता और कूटनीतिक छल का संकेतक है। पं. गौतम का कहना है कि जुलाई 2025 में राहु और मंगल की युति संभावित रूप से इस सीजफायर को अस्थिर कर सकती है।
भविष्य क्या कहता है?
“15 जुलाई से 25 अगस्त 2025 तक का समय खतरनाक संकेत दे रहा है। अगर इस दौरान राजनीतिक या सैन्य चूक हुई, तो यह युद्ध विराम टूट सकता है।” पं. गौतम का मानना है कि इस समय आंतरिक उकसावे या बाहरी कूटनीतिक दबाव सीजफायर को खतरे में डाल सकते हैं। इस ज्योतिषीय विश्लेषण का मुख्य संदेश यह है कि शांति स्थायी नहीं है — यह एक तरह का ब्रह्म-मोह भी हो सकता है। ग्रहों की चाल इशारा कर रही है कि अगर संयम न रखा गया, तो सीमा पर फिर से तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। सावधानी, दूरदृष्टि और संतुलन ही इस भविष्यवाणी को गलत साबित कर सकते हैं।