सियासत में हलचल! AMMK ने BJP से गठबंधन क्यों तोड़ा? जानें पूरे घटनाक्रम की पूरी जानकारी!

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AMMK: तमिलनाडु की सियासत में विधानसभा चुनावों से पहले बड़ा उलटफेर हुआ है। टीटीवी दिनाकरन की अगुवाई वाली अम्मा मक्कल मुन्नेत्र कड़गम (AMMK) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होने का ऐलान किया है।(AMMK) दिनाकरन ने BJP पर ‘धोखा’ देने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी अब NDA का हिस्सा नहीं रहेगी।

AMMK का गठन और प्रमुख उद्देश्य

AMMK की स्थापना 2018 में टीटीवी दिनाकरन ने की थी। वह पहले अन्नाद्रमुक (AIADMK) के नेता थे, लेकिन अन्नाद्रमुक से निकाले जाने के बाद उन्होंने अपनी अलग पार्टी बनाई। पार्टी का दावा है कि वह जयललिता की विरासत को आगे बढ़ा रही है। AMMK का मुख्य उद्देश्य तमिलनाडु की जनता के हक के लिए लड़ना और उनकी आवाज को बुलंद करना है।

दिनाकरन का बयान: “हम मूर्ख नहीं हैं”

कट्टुमन्नारकोइल में पत्रकारों से बात करते हुए दिनाकरन ने कहा, “हमारी पार्टी AMMK की शुरुआत ही कुछ लोगों के धोखे के खिलाफ हुई थी। हमने सोचा था कि दिल्ली में बैठे लोग बदल जाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। हम मूर्ख नहीं हैं कि दूसरों को अपने कंधों पर ढोते रहें।”

दिनाकरन ने आगे कहा, “हमने कई महीनों तक इंतजार किया कि दिल्ली से कोई अच्छा फैसला आएगा, लेकिन अब हमें कुछ होता नहीं दिख रहा। अब हमारी पार्टी पूरी तरह से NDA से अलग हो रही है। हम दिसंबर में अपनी अगली रणनीति का ऐलान करेंगे।”

NDA से और एक पार्टी का बाहर होना

AMMK तमिलनाडु में NDA से बाहर होने वाली दूसरी पार्टी है। इससे पहले, अन्नाद्रमुक से निकाले गए नेता ओ. पन्नीरसेल्वम ने भी अपनी पार्टी को NDA से बाहर कर लिया था। वर्तमान में तमिलनाडु में NDA की अगुवाई अन्नाद्रमुक कर रही है, जिसने 2023 में BJP के साथ फिर से गठबंधन किया था।

2024 लोकसभा चुनाव में AMMK का प्रदर्शन

AMMK ने 2024 के लोकसभा चुनावों में NDA के साथ मिलकर तमिलनाडु की दो सीटों—थेनी और तिरुचिरापल्ली—पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा। दिनाकरन ने खुद थेनी सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन सफलता नहीं मिली।

आने वाले दिनों में AMMK की नई रणनीति

दिनाकरन के इस फैसले ने तमिलनाडु की सियासत में हलचल मचा दी है। अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि AMMK दिसंबर में अपनी नई रणनीति का ऐलान करेगी और क्या वह किसी नए गठबंधन की ओर कदम बढ़ाएगी। फिलहाल, BJP और NDA के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि वे तमिलनाडु में अपना आधार मजबूत करने में जुटे थे।

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