दरभंगा से निकला विवाद….राहुल गांधी की यात्रा में पीएम मोदी पर अभद्र टिप्पणी, अमित शाह ने तोड़ी चुप्पी!

24
Amit Shah Statement

 दरभंगा में अभद्र टिप्पणी

राहुल गांधी की यात्रा के दौरान एक व्यक्ति द्वारा कथित रूप से पीएम मोदी और उनकी दिवंगत माता के खिलाफ अपमानजनक शब्द बोले गए। यह वीडियो/घटना सामने आने के बाद विरोध तेज हुआ और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आने लगीं।

 “हरकत शर्मनाक, जनता जवाब देगी”

असम के दो दिवसीय दौरे पर गए गृह मंत्री अमित शाह ने गुवाहाटी में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस की यह हरकत शर्मनाक है और इससे भाजपा की जीत का रास्ता और मजबूत होगा। शाह के अनुसार, कांग्रेस के कई नेता बीते वर्षों में भी पीएम के लिए अनुचित शब्दों का इस्तेमाल करते रहे हैं।

“जितनी ज्यादा गालियां मोदी जी को दोगे, कमल का फूल उतना ही खिलकर ऊंचाइयों को छुएगा… हर चुनाव में कांग्रेस ने यही कोशिश की, लेकिन जीत भाजपा की हुई।” — अमित शाह

गृह मंत्री का आरोप — “अपशब्दों की लंबी सूची”

शाह ने आरोप लगाया कि विपक्ष के कुछ नेताओं ने अतीत में पीएम मोदी को “मौत का सौदागर”, “जहरीला सांप”, “नीच आदमी”, “रावण”, “भस्मासुर”, “वायरस” जैसे शब्दों से संबोधित किया। शाह ने इसे “राजनीतिक संवाद का पतन” करार दिया और संयमित भाषा की अपील की।

FIR व गिरफ्तारी — दरभंगा पुलिस की कार्रवाई

दरभंगा की घटना के बाद भाजपा नेताओं ने पटना गांधी मैदान थाने में एफआईआर दर्ज करने की मांग की। प्रवक्ता दानिश इकबाल और कृष्ण सिंह ने राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दी। इसके बाद कार्रवाई में तेजी आई और दरभंगा पुलिस ने कथित आरोपी रिज़वी उर्फ़ राजा को गुरुवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के भपुरा गांव का निवासी है और पिकअप ड्राइवर है।

 परियोजनाओं का शुभारंभ

अमित शाह ने असम के राजभवन में नए ब्रह्मपुत्र विंग सहित कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसके पश्चात उन्होंने गुवाहाटी में जनसभा को संबोधित कर राजनीतिक मुद्दों पर अपनी बात रखी और विपक्ष को आड़े हाथों लिया।

कांग्रेस की ओर से इस घटना पर आधिकारिक प्रतिक्रिया आने की संभावना है। विपक्ष आमतौर पर ऐसे मामलों में “भाजपा का ध्यान भटकाने का प्रयास” बताता आया है, जबकि भाजपा अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल पर सख्त रुख अपनाती रही है।

 चुनावी नैरेटिव पर असर

  • तकरार से चुनावी नैरेटिव में तीखापन बढ़ने की संभावना।
  • भाषा और मर्यादा पर राष्ट्रीय बहस तेज हो सकती है।
  • कानूनी कार्रवाई व सोशल मीडिया विमर्श के चलते मुद्दा सुर्खियों में बना रहेगा।
 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here