ब्राह्मण बेटी और आरक्षण पर IAS संतोष वर्मा का बयान वायरल…जानिए क्या है पूरा मामला

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Santosh Verma
Santosh Verma: अनुसूचित जाति वर्ग के सरकारी कर्मचारियों के संगठन AJAX के नए प्रांत प्रमुख चुने गए IAS अधिकारी संतोष वर्मा ने आरक्षण को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसे लेकर अब विवाद तेज हो गया है। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और लोगों(Santosh Verma) की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

‘ब्राह्मण अपनी बेटी दान ना कर दें…’

वरिष्ठ IAS अधिकारी संतोष वर्मा वीडियो में कहते सुनाई दे रहे हैं:“मैं तब तक यह नहीं मानूंगा कि एक परिवार में एक व्यक्ति को आरक्षण मिलना चाहिए जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान ना कर दे या उसका उससे संबंध नहीं बनाए। केवल आर्थिक आधार की बात है तो- जब तक यह रोटी-बेटी का व्यवहार ना होता, तब तक हमें समाज के पिछड़ेपन के कारण आरक्षण की पात्रता मिलती रहेगी। आप खत्म कर दीजिए जाति-हमें नहीं चाहिए आरक्षण।”

कौन हैं IAS संतोष वर्मा?

संतोष कुमार वर्मा मध्य प्रदेश कैडर के 2012 बैच के IAS अधिकारी हैं। वर्तमान में वह किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग में उप सचिव पद पर हैं और हाल ही में उन्हें AJAX का प्रांतीय प्रमुख चुना गया है। संतोष वर्मा पहले भी विवादों में रह चुके हैं। उनके खिलाफ प्रमोशन के लिए फर्जी दस्तावेज इस्तेमाल करने और गिरफ्तारी के मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा एक महिला ने उन पर शादी का झांसा देकर ज्यादती करने का आरोप लगाया था।

IAS अधिकारी वर्मा के बयान पर ब्राह्मण समाज का रोष

ब्राह्मण समाज और स्वर्ण संगठनों ने IAS अधिकारी के इस बयान की निंदा की है। अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्र ने इसे अखिल भारतीय सेवा आचारण के खिलाफ और ब्राह्मण सम्मान के साथ खिलवाड़ बताया। उन्होंने कहा कि यह सरकार के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे अभियान के खिलाफ है।

बजरंग सेना ने कार्रवाई की मांग की

बजरंग सेना के राष्ट्रीय संयोजक रघुनंदन शर्मा ने IAS संतोष वर्मा के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, “यह बयान हिंदू समाज और सनातनियों को तोड़ने का प्रयास है। बड़े पदों पर बैठे लोगों का दायित्व होता है कि वे सबके लिए समान रूप से कार्य करें, लेकिन इस तरह का बयान समाज में जहर घोलने का काम करता है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।” उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का उल्लेख करते हुए कहा कि वह समाज को जोड़ने और सनातन संस्कृति को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं, वहीं ऐसे बयान देने वाले अधिकारी समाज को तोड़ने का काम कर रहे हैं।

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