लखनऊ की डॉक्टर शाहीन सिद्दीकी के जैश कनेक्शन का खुलासा, महिला विंग कमांडर बन रहीं थीं आतंक की नई चेहरा

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Pakistan terror link

शाहीन ने लगभग 25 साल पहले प्रयागराज से मेडिकल की पढ़ाई पूरी की और बाद में कानपुर के एक मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात रहीं। (Pakistan terror link)कॉलेज के एक पुराने फोटो में उन्हें सलवार-सूट में, चश्मा लगाए और मुस्कुराते हुए देखा गया — जिसे उनके पूर्व सहयोगी और जीएसवीएम कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र कुशवाहा ने याद किया और कहा कि वह पेशेवर रूप से सम्मानित थीं।

आरोप और जांच में मिले खुलासे

  • जांच एजेंसियों के अनुसार शाहीन का पाकिस्तान में बैठे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मसूद अजहर की बहन सादिया से संपर्क पाया गया।
  • उसे जैश की महिला विंग की भारत-कमान्डर बताया जा रहा है और फरीदाबाद मॉड्यूल की अहम सदस्य माना जा रहा है।
  • पुलिस ने शाहीन के कब्जे से कश्मीर में हथियार बरामद होने की सूचना दी, जिसके आधार पर उसे फरीदाबाद से श्रीनगर ले जाया गया और आगे की पूछताछ जारी है।

निजी स्थिति — विवाह और परिवार

शाहीन का निकाह साल 2013 में डॉक्टर हयात जफर से हुआ था। दंपति के दो बच्चे हैं। डॉक्टर हयात ने बताया कि यह एक अरेंज मैरिज थी; बच्चों के जन्म के बाद शाहीन ने तलाक ले लिया और तब से परिवार का संपर्क टूटा रहा। हयात के अनुसार तलाक के बाद से बच्चों का शाहीन से कोई संपर्क नहीं रहा और बच्चे अपनी माँ को नहीं जानते।

करियर में अचानक बदलाव और बर्खास्तगी

सूत्रों के अनुसार शाहीन ने 2013 के बाद अचानक कॉलेज में आने-जाने बंद कर दिया था। इसके चलते 2021 में उसे सेवा से बर्खास्त किया गया और वह बाद में फरीदाबाद चली गई। आरोपी डॉक्टरों के नेटवर्क में उसकी निकटता के संबंध में जांच एजेंसियां अब विस्तृत पूछताछ कर रही हैं।

हथियार बरामदगी और परिवारिक कनेक्शन

कश्मीर पुलिस ने शाहीन के कब्जे से खतरनाक हथियार बरामद करने की जानकारी दी है — जिसके बाद उसे फरीदाबाद से गिरफ्तार कर श्रीनगर लाया गया। इसके अतिरिक्त शाहीन के भाई परवेज को भी यूपी एटीएस ने हिरासत में लिया हुआ है; परवेज के बारे में बताया जाता है कि वह उस समय MBBS कर रहा था और परिवार से कम बातचीत करता था।

आगे की कार्यवाही

  1. शाहीन और परवेज से विस्तृत पूछताछ जारी है और डिजिटल व फॉरेंसिक सबूतों की पड़ताल की जा रही है।
  2. स्रोतों और कॉल रिकॉर्ड की जांच के माध्यम से जैश के नेटवर्क और स्थानीय मॉड्यूल से जुड़े अन्य सदस्यों की पहचान की जा रही है।
  3. यदि विदेशी कनेक्शन व फंडिंग के ठोस प्रमाण मिलते हैं तो उसके आधार पर आगे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समन की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

सुरक्षा एजेंसियों ने मामले की संवेदनशीलता बताते हुए कहा है कि जांच जारी है और मीडिया-वर्ग से अनुरोध किया गया है कि जाँच पूरी होने तक अफवाहों पर भरोसा न करें। किसी भी आधिकारिक परिणाम के बाद ही विस्तार से जानकारी साझा की जाएगी।

 

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