संजय बिहारी हत्याकांड का दोषी
नरेश सिंघल वह व्यक्ति था जिसे क्षेत्र के बहुचर्चित संजय बिहारी हत्याकांड में दोषी ठहराया गया था। कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जेल के अंदर हुई अचानक मौत से कई अटकलें लग रही हैं और परिवार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की मांग की है।
जेल प्रशासन का बयान
सेवर जेल के अधीक्षक परमजीत सिंह संधू ने बताया कि कैदी की तबीयत सुबह अचानक बिगड़ी और तत्काल RBM अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव को मोर्चरी में सुरक्षित रखवा दिया गया है और कानूनी प्रक्रिया जारी है।
मौत संदिग्ध क्यों मानी जा रही है?
भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 176 (1-A) के अनुसार, जेल में हुई मौतों में अनिवार्य रूप से न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा जांच होती है। जांच में यह देखा जाएगा कि कैदी को समय पर और पर्याप्त चिकित्सा सुविधा मिल रही थी या नहीं, और क्या किसी तनाव, मानसिक स्वास्थ्य या विवाद के कारण मौत हुई।
पोस्टमार्टम और न्यायिक प्रक्रिया
नरेश सिंघल का पोस्टमार्टम विशेष मेडिकल बोर्ड द्वारा किया जाएगा। पूरी प्रक्रिया वीडियोग्राफी के तहत होगी। मौत का कारण, समय और कोई लापरवाही शामिल है या नहीं, इसकी पुष्टि रिपोर्ट में की जाएगी। परिवार को जांच में अपनी बात रखने का अधिकार मिलेगा।
संजय बिहारी हत्याकांड का संक्षिप्त विवरण
28 जनवरी 2023 को नरेश सिंघल और अन्य आरोपी ने संजय बिहारी को घर बुलाकर गोली मार दी। संजय की मौत इलाज के दौरान हुई। 19 सितंबर 2025 को जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने नरेश सिंघल और बिट्टू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।



































































