Ashok Gehlot land allocation scandal: सर्व समाज के बैनर तले भारी विरोध के बाद, राज्य सरकार ने बुधवार को उदयपुर के मावली में मदरसे के लिए आवंटित 4 बीघा 16 बिस्वा जमीन का आवंटन निरस्त करने का ऐतिहासिक आदेश दिया है। यह जमीन मदरसा इस्लामिया गौसिया अंजुमन मावली को अशोक गहलोत सरकार में 28 जनवरी 2022 को दी गई थी, लेकिन वर्तमान सरकार के इस फैसले ने तूल पकड़ लिया है।
क्या है विवाद का कारण?
मावली में मदरसे की जमीन के आवंटन को लेकर सर्व समाज ने कड़ा विरोध किया, जिसके चलते मंत्री गजेंद्रसिंह खींवसर की अध्यक्षता में एक कैबिनेट कमेटी का गठन किया गया था। अब तक इस कमेटी ने 128 जमीनों की छंटनी की है, लेकिन इसे लेकर कोई ठोस अनुशंसा नहीं की गई है।
पिछली सरकार के अनेकों विवाद
पिछली गहलोत सरकार में एक साथ 804 जमीनों के आवंटन निरस्त करने का मामला भी सुर्खियों में रहा था। गहलोत राज में जयपुर के दुर्गापुरा में समग्र सेवा संघ की जमीन को लेकर विवाद तूल पकड़ा था, जब इसे पिछली भाजपा सरकार ने फिर से बहाल किया था।
तेलंगाना हाउस की विवादास्पद जमीन
वर्तमान सरकार ने तेलंगाना हाउस के लिए आवंटित जमीन को भी निरस्त किया, जोकि अजमेर के कोटड़ा में थी। यह जमीन निरस्त करने का निर्णय उस वक्त लिया गया, जब स्पीकर वासुदेव देवनानी ने इसका विरोध किया था।
भ्रष्टाचार और भूमि आवंटन की कहानी
गहलोत राज में अलवर का टहला भूमि घोटाला भी सामने आया, जिसमें 804 भूमियां अवैध तरीके से आवंटित की गई थीं। इस घोटाले में तत्कालीन कलेक्टर को जेल जाना पड़ा और बाद में इन भूमियों के आवंटन को निरस्त करने का आदेश दिया गया।
441 संस्थाओं को मिली जमीनें: क्या होगा आगे?
गहलोत सरकार ने 441 संस्थाओं और धार्मिक ट्रस्टों को जमीनें आवंटित की थीं। क्या वर्तमान सरकार इन सभी आवंटनों की समीक्षा करेगी? यह सवाल अब हर किसी के जेहन में है।