टीकाराम जूली का हमला….भजनलाल सरकार फेल! भाजपा का पलटवार—कांग्रेस है अपराधियों की जननी

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Rajasthan Assembly Session

Rajasthan Assembly Session: विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर बेहतरीन तैयारियाँ जारी हैं, लेकिन पहले दिन ही सियासी तापमान बढ़ गया। कांग्रेस विधायक दल ने स्मार्ट मीटर, जर्जर स्कूल, कानून-व्यवस्था, अतिवृष्टि और फसल क्षति जैसे मुद्दों पर सरकार (Rajasthan Assembly Session)को घेरने की रणनीति बनाई, जबकि सरकार ने कड़ा पलटवार किया।

कांग्रेस ने उठाए कई संवेदनशील मुद्दे

विधायक दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश बदहाल है — किसान और आमजन अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित हैं, मकान ढह रहे हैं, कच्ची बस्तियों में पानी भर गया है और सड़कों की हालत जर्जर है। जूली ने आरोप लगाया कि सरकार ने राहत नहीं पहुँचाई और दावे धरातल पर खोखले साबित हुए। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी कई कमी-नुस्तर बताए — कुछ स्कूलों में टीचर नियुक्ति नहीं हुई, कुछ पाठ्यक्रम विवादित तरीक़े से बदले गए और शैक्षणिक स्तर गिरा है।

सरकार ने पलटकर लगाए गंभीर आरोप

घृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने टीकाराम जूली के आरोपों पर तीखा उत्तर देते हुए कहा कि कांग्रेस पहले अपनी गिरेबान में झांकिए। बेढ़म ने दावा किया कि कांग्रेस शासन के दौरान राजस्थान अपराधियों का गढ़ बन गया था और महिला अपराध के मामले में राज्य शीर्ष पर था। उन्होंने कहा कि उस दौर में महिलाएँ घरों से निकलने से डरती थीं और सरकार की मर्यादा जर्जर थी।

स्मार्ट मीटर मुद्दे पर बयानबाज़ी

स्मार्ट मीटर को लेकर बेढ़म ने कांग्रेस पर दोगलेपन का आरोप लगाया। उनका कहना था कि स्मार्ट मीटर लगाने का टेंडर कांग्रेस सरकार के समय ही जारी हुआ था और उस दौर में लगभग साढ़े पांच लाख स्मार्ट मीटर भी लगाए जा चुके थे। बेढ़म ने यह जोड़कर कहा कि अब कांग्रेस इस मुद्दे पर सवाल उठा रही है जबकि उनकी सरकार के समय ही यह पहल शुरू हुई थी।

कांग्रेस के विरुद्ध सियासी हमले का स्वरूप

बेढ़म ने आगे कहा कि कांग्रेस गुटों में बंटी हुई है और उसके शीर्ष नेताओं के पास सत्ताधारी भाजपा जैसी एकजुटता नहीं है। उन्होंने कांग्रेस पर ‘चारा चोरों’ से दोस्ती करने और वोट चोरी जैसे आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने का कठोर आरोप भी लगाया।

टीकाराम जूली के मुख्य आरोप

टीकाराम जूली ने विशेषकर इन बिंदुओं पर सरकार को घेरा:

  • बाढ़ व अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों और आम जन की अनदेखी।
  • सड़कों और बुनियादी ढांचे की खराब स्थिति।
  • शिक्षा क्षेत्र में चुनौतियाँ — इंग्लिश मीडियम स्कूलों में टीचर नियुक्ति न होना, विवादित पाठ्यक्रम संशोधन।
  • निकाय व पंचायत चुनाव न कराए जाने का आरोप।

राजनीतिक परिदृश्य और आगे की लड़ाई

मानसून सत्र के दौरान ये मुद्दे सदन की बहस का केंद्र बने रहने की संभावना है। दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज़ हैं और विधानसभा में कार्यवाही तथा जनहित के मसलों पर बहस तेज़ रहने की आशंका जताई जा रही है।

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