एक तारीख, पांच कहानियां…भारत और चार देशों ने मिलकर मनाई आज़ादी, झंडों से सजा आसमान

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Independence Day

Independence Day: 15 अगस्त… भारत के लिए यह तारीख केवल एक दिन नहीं, बल्कि भावनाओं का समंदर है। तिरंगे की फहराहट, राष्ट्रगान की गूंज और हर चेहरे पर देशभक्ति की चमक—यह दिन 1947 की उस ऐतिहासिक सुबह की याद दिलाता है, जब भारत ने अंग्रेजी हुकूमत की बेड़ियां तोड़ी थीं। लेकिन यही तारीख दुनिया के नक्शे पर चार और देशों के लिए भी आज़ादी का प्रतीक है। (Independence Day)आइए, जानते हैं वे देश कौन-से हैं और उनकी स्वतंत्रता की कहानी क्या कहती है।

क्यों खास है 15 अगस्त?

भारत में 15 अगस्त राष्ट्रीय स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। पर इसी दिन दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में भी आज़ादी का जश्न मनाया जाता है—यानी, केवल हमारा तिरंगा ही नहीं, कई और राष्ट्रध्वज भी इसी तारीख को गर्व से लहराते हैं।

वे चार देश जो 15 अगस्त को मनाते हैं आज़ादी

1) लिकटेंस्टाइन (Liechtenstein) — 15 अगस्त 1866

यूरोप का छोटा लेकिन संप्रभु देश लिकटेंस्टाइन 19वीं सदी में जर्मनिक संघ से अलग हुआ। 15 अगस्त 1866 को इसकी स्वतंत्र पहचान सुदृढ़ हुई और इसी दिन आज नेशनल डे मनाया जाता है।

2) दक्षिण कोरिया (South Korea) — 15 अगस्त 1945

द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में जापान के आत्मसमर्पण के साथ कोरिया जापानी शासन से मुक्त हुआ। 15 अगस्त 1945 को दक्षिण कोरिया स्वतंत्रता का उत्सव मनाता है, जिसे ग्वांगबोकजोल कहा जाता है। इसके बाद कोरियाई प्रायद्वीप उत्तर और दक्षिण कोरिया में बंट गया।

3) कांगो गणराज्य (Republic of the Congo) — 15 अगस्त 1960

अफ्रीका का यह देश फ्रांसीसी औपनिवेशिक शासन से 15 अगस्त 1960 को मुक्त हुआ। आज इसे Congolese National Day के रूप में भव्यता से मनाया जाता है और राष्ट्रीय पहचान के सुदृढ़ीकरण का प्रतीक माना जाता है।

4) बहरीन (Bahrain) — 15 अगस्त 1971

खाड़ी क्षेत्र का द्वीपीय देश बहरीन ब्रिटिश प्रभाव से 15 अगस्त 1971 को स्वतंत्र हुआ। एक औपचारिक समझौते के तहत संप्रभुता मिली और बहरीन ने आधुनिक राष्ट्र-निर्माण की राह पकड़ी।

भारत में 15 अगस्त का जश्न

भारत में स्वतंत्रता दिवस लाल किले से प्रधानमंत्री के संबोधन, तिरंगा फहराने, परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सामुदायिक आयोजनों के साथ उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। देशभर में विद्यालयों, संस्थानों और आवासीय क्षेत्रों में भी ध्वजारोहण, देशभक्ति गीतों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का दौर चलता है।

 

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