Buddhist Monk Scandal: बौद्ध धर्म, जिसे संयम, ब्रह्मचर्य और नैतिकता की मिसाल माना जाता है, आज एक चौंकाने वाले यौन घोटाले में घिर गया है। थाईलैंड में एक महिला ने हनी ट्रैप के ज़रिए 9 वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं को न केवल यौन संबंधों में फंसाया बल्कि उनकी (Buddhist Monk Scandal)अंतरंग रिकॉर्डिंग के जरिए लगभग 102 करोड़ रुपये की उगाही की।
आरोपी महिला कौन है?
गिरफ्तार महिला की पहचान विलेवन एम्सवाट उर्फ मिस गोल्फ के रूप में हुई है। विलेवन सोशल मीडिया के ज़रिए उच्च पदस्थ भिक्षुओं से संपर्क करती थी और फिर निजी संबंध बनाकर उनका भरोसा जीतती थी। इसके बाद वह अंतरंग क्षणों की रिकॉर्डिंग कर उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर देती थी।
ब्लैकमेलिंग का खुलासा कैसे हुआ?
रहस्य तब उजागर हुआ जब एक वरिष्ठ भिक्षु ने अचानक ब्रह्मचर्य जीवन त्याग दिया। महिला ने उससे दावा किया था कि वह उसके बच्चे की मां बनने वाली है और इसके बदले उसने 72 लाख थाई बहत की मांग की। इससे परेशान होकर भिक्षु ने सारा मामला उजागर कर दिया।
जांच में यह भी सामने आया कि महिला के खाते में बड़ी रकम एक बौद्ध मंदिर के खाते से ट्रांसफर की गई थी। इस पर विलेवन पर मनी लॉन्ड्रिंग, अवैध उगाही और चोरी का केस दर्ज किया गया।
80,000 से अधिक अश्लील क्लिप्स और फोटो
पुलिस ने महिला के घर पर छापा मारकर 80,000+ फोटो और वीडियो जब्त किए हैं। इन वीडियो में कई भिक्षु भिक्षु-वस्त्र पहने हुए अंतरंग क्रियाओं में दिख रहे हैं।
अब तक 9 वरिष्ठ भिक्षुओं को पद से हटा दिया गया है। एक पर मंदिर के फंड में गबन का भी आरोप है। सरकार ने देश के सभी 3 लाख भिक्षुओं की जांच का आदेश दिया है।
राजा का बड़ा फैसला
थाईलैंड के राजा महा वजिरालोंगकोर्न ने अपने 73वें जन्मदिन समारोह के लिए आमंत्रित 80 भिक्षुओं का निमंत्रण रद्द कर दिया है। राजमहल का कहना है कि “अनुचित आचरण” के चलते यह निर्णय लिया गया।
मामला सोशल मीडिया पर गरम बहस का मुद्दा बन गया है। कुछ लोग महिला को दोषी मान रहे हैं, तो कुछ भिक्षुओं की नैतिक जिम्मेदारी पर सवाल उठा रहे हैं। यह मामला धर्म और नैतिकता की आड़ में चल रहे अंधकार को सामने लाकर समाज को सोचने पर मजबूर कर रहा है।



































































