Lado Protsahan Yojana: अब निजी स्कूलों में पढ़ाई करने वाली और निजी अस्पतालों में जन्मी बेटियों को भी 1 लाख रुपये की सहायता मिलेगी। राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री राजश्री योजना को लाडो प्रोत्साहन योजना में मर्ज करने के बाद इस योजना में यह महत्वपूर्ण बदलाव किया है। पहले, राजश्री योजना का लाभ केवल सरकारी अस्पतालों में जन्मी और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली बेटियों को ही मिलता था।
क्यों घटा लाभार्थियों का आंकड़ा?
हालांकि, राजश्री योजना की शुरुआत से अब तक केवल 1.41% बेटियां ही तीसरी किस्त का लाभ प्राप्त कर पाई हैं। इसका मुख्य कारण सरकारी अस्पतालों में जन्म और सरकारी स्कूलों में प्रवेश की अनिवार्यता रही है। पिछले 9 वर्षों में सरकार ने पहली किस्त के तहत 38.19 लाख बेटियों को सहायता दी, लेकिन दूसरी किस्त तक यह संख्या घटकर 29.14 लाख रह गई। तीसरी किस्त तक यह संख्या सिर्फ 54 हजार रह गई।
महत्वपूर्ण बदलावों की सूची:
- निजी स्कूलों और अस्पतालों के लिए लाभ: अब निजी स्कूलों में पढ़ाई करने और निजी अस्पतालों में जन्मी बेटियों को भी योजना का लाभ मिलेगा।
- बेटियों की संख्या की बाध्यता को हटाया गया: परिवार में बेटियों की संख्या की कोई बाध्यता नहीं होगी।
- किस्त की छूट: यदि किसी किस्त को छोड़ दिया जाता है, तो अगले चरण की राशि मिलने में कोई रुकावट नहीं होगी।
- नए संकल्प पत्र की व्यवस्था: जन्म के समय सेविंग बॉंड की जगह अब सरकार केवल संकल्प पत्र प्रदान करेगी।
- छठी किस्त का बदलाव: कक्षा 12 पास करने पर मिलने वाली छठी किस्त अब 12वीं में प्रवेश लेते ही मिल जाएगी।
यह योजना बेटियों के भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और उन्हें शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर अवसर प्रदान करेगी।