इंसाफ या मौत? निमिषा की कहानी अब दुनिया के दरवाज़े पर, भारत सरकार से अंतिम गुहार

4
Nimisha Priya

Nimisha Priya: केरल की रहने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की जिंदगी अब कुछ ही दिनों की मेहमान रह गई है। यमन में हत्या के मामले में दोषी करार दी गई(Nimisha Priya) निमिषा को 16 जुलाई 2025 को फांसी दी जा सकती है, क्योंकि यमनी राष्ट्रपति ने उनकी सजा-ए-मौत को अंतिम मंजूरी दे दी है।

2008 में नौकरी के लिए गई थीं यमन, साझेदारी बनी विवाद की जड़

निमिषा 2008 में अपने माता-पिता की आर्थिक मदद के लिए यमन गई थीं। वहां उन्होंने कई अस्पतालों में काम किया और फिर खुद की क्लिनिक खोलने की योजना बनाई। यमन के कानूनों के अनुसार विदेशी नागरिक अकेले व्यवसाय नहीं चला सकते, इसलिए उन्होंने स्थानीय नागरिक तलाल अब्दो महदी के साथ साझेदारी की। लेकिन जल्द ही दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया।

सेडेटिव इंजेक्शन से हुई महदी की मौत, हत्या के आरोप में गिरफ्तारी

परिवार का दावा है कि निमिषा ने महदी को सेडेटिव दिया ताकि वह उसका जब्त किया गया पासपोर्ट वापस ले सके, लेकिन ओवरडोज़ के चलते उसकी मौत हो गई। निमिषा को भागने की कोशिश करते समय गिरफ्तार किया गया और 2018 में हत्या का दोषी ठहराया गया।

सुप्रीम जुडिशियल काउंसिल ने भी दी सजा पर मुहर

2023 में यमन की सुप्रीम जुडिशियल काउंसिल ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। यमन में हत्या जैसे अपराधों में सीधी फांसी की सजा दी जाती है।

‘ब्लड मनी’ बनी थी उम्मीद की किरण, लेकिन बातचीत टूटी

यमन के कानूनों में ‘ब्लड मनी’ का प्रावधान है, जिसके तहत मृतक के परिजन अगर मुआवजा स्वीकार कर लें तो दोषी को फांसी से राहत मिल सकती है। लेकिन सितंबर 2024 में बातचीत उस वक्त टूट गई जब भारतीय दूतावास द्वारा नियुक्त वकील अब्दुल्ला आमिर ने $20,000 की प्री-नेगोशिएशन फीस मांगी। बाद में उन्होंने कुल $40,000 की मांग की। पहला हिस्सा क्राउडफंडिंग से जुटाया गया लेकिन पारदर्शिता के अभाव में फंडिंग रुक गई।

मां का भावुक संदेश: “कृपया मेरी बेटी को बचा लीजिए”

निमिषा की मां, जो कोच्चि में घरेलू सहायिका हैं, ने अपना घर बेच दिया और अब केंद्र व केरल सरकार से अपील कर रही हैं। उन्होंने कहा, “मैं सरकार की आभारी हूं, लेकिन समय निकल रहा है। कृपया मेरी बेटी को बचा लीजिए। यह मेरी आखिरी गुहार है।”

जनवरी 2025 में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वे इस केस को नज़दीकी से मॉनिटर कर रहे हैं और हर संभव मदद कर रहे हैं। लेकिन अब जब 16 जुलाई की फांसी की तारीख करीब आ रही है, उम्मीदें धुंधली होती जा रही हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here