DRIP project Rajasthan: राजस्थान के जल संसाधन विभाग की डैम पुनर्वास एवं सुधार परियोजना (DRIP) को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। सूत्रों के अनुसार ₹13 करोड़ की लागत का कार्य ₹16 करोड़ में Tikamsingh H Sikarwar नामक फर्म को देने की तैयारी की जा रही है।
इस निविदा प्रक्रिया में कुल तीन फर्मों — Tikamsingh H Sikarwar, Choudhary & Brothers, और Bharti Construction Company — ने भाग लिया था। अधिकारियों द्वारा केवल Tikamsingh H Sikarwar को तकनीकी रूप से पात्र घोषित किया गया, जबकि शेष दो फर्मों को अपात्र करार दिया गया।
गौर करने वाली बात यह है कि Bharti Construction Company पहले दो बार DRIP प्रोजेक्ट्स में तकनीकी रूप से योग्य पाई जा चुकी है। ( DRIP project Rajasthan) इसके बावजूद इस बार उसे अपात्र घोषित करना सवाल खड़े करता है और पूरी प्रक्रिया को संदेह के घेरे में ला देता है।
मनचाही फर्म को फायदा पहुंचाने की कोशिश
सूत्रों के मुताबिक यह पूरा मामला एक मनपसंद फर्म को अनुचित लाभ पहुंचाने की कोशिश प्रतीत होता है। ₹13 करोड़ की परियोजना को ₹16 करोड़ में स्वीकृत करना सरकारी धन के दुरुपयोग और संभावित भ्रष्टाचार की गंभीर स्थिति को दर्शाता है।
चीफ इंजीनियर भुवन भास्कर की भूमिका सवालों के घेरे में
जब इस मामले में चीफ इंजीनियर भुवन भास्कर अग्रवाल से सवाल किए गए, तो उन्होंने जवाब देने से बचते हुए केवल “मामला दिखवाने” की बात कही। जबकि, विभागीय प्रक्रियाओं में उनकी सीधी भूमिका बनती है।
सीएम को भी भेजा गया ज्ञापन
इस विवाद के बाद मामले की शिकायत विभाग के सचिव स्तर पर की गई है और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भी ज्ञापन भेजा गया है। अब देखना होगा कि क्या इस विवादास्पद प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी या यह मामला भी फाइलों में दबा रह जाएगा।