Sindhu Water Treaty: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूसा भवन में किसानों के साथ एक विशेष संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने सिंधु जल समझौते और ऑपरेशन सिंदूर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर खुलकर बात की। (Sindhu Water Treaty) कृषि मंत्री ने कहा, “अब तक हमारे किसानों के हक का पानी पाकिस्तान जा रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सालों पुराने अन्याय को समाप्त कर ऐतिहासिक फैसला लिया है।” उन्होंने कहा कि सिंधु जल समझौता रद्द करना एक साहसी कदम है और इससे भारत के किसानों को उनका अधिकार मिलेगा।
“ड्रोन और मिसाइल से डराने चला था पाकिस्तान, अब मलबे से खेल रहे हैं हमारे बच्चे”
शिवराज सिंह ने पाकिस्तान की नीयत पर चुटकी लेते हुए कहा, “पाकिस्तान सोच रहा था कि तुर्किए, चीन के ड्रोन और मिसाइलों से भारत को डरा लेगा, लेकिन भारतीय सेना ने उन्हें खिलौनों की तरह मार गिराया। आज वह मलबा हमारे बच्चे उठाकर खेल रहे हैं। तीन दिन में पाकिस्तान घुटनों पर आ गया।”
सिंधु जल समझौते पर नेहरू पर साधा निशाना
सिंधु जल समझौते को लेकर उन्होंने कहा कि जब यह समझौता हुआ, तब प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू थे। उन्होंने 80% पानी पाकिस्तान को दे दिया और साथ में 83 करोड़ रुपये भी दिए थे, जिसकी आज की कीमत 5500 करोड़ रुपये है। शिवराज सिंह चौहान ने इसे ‘ऐतिहासिक अन्याय’ करार दिया।
“किसानों का पेट काटकर आतंकियों को पानी दे रहे थे”
उन्होंने कहा कि “हम अपने देश के किसानों का पेट काटकर पाकिस्तान जैसे देश को पानी दे रहे थे, जो आतंकवाद को पालते हैं। भारत के जल विशेषज्ञों ने समझौते का विरोध किया था लेकिन पंडित नेहरू ने इसे लागू किया। तब अटल बिहारी वाजपेयी ने भी संसद में इसका विरोध किया था।”
किसानों के हक में बनेगी नई योजना
कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया कि अब इस पानी का इस्तेमाल भारत के किसानों के हित में किया जाएगा। उन्होंने कहा, “मेरे लिए किसानों की सेवा भगवान की पूजा के समान है। मैं किसानों का सेवक हूं और मुझे यह सेवा करने का सौभाग्य मिला है।”शिवराज सिंह चौहान की यह टिप्पणी स्पष्ट संकेत देती है कि अब केंद्र सरकार कृषि और जल नीति पर नए सिरे से कार्य करेगी, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा और किसानों का हित सर्वोपरि रहेगा।