Deportation news: राजस्थान में चल रहे विशेष अभियान के दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है। सैकड़ों बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिक, जो अवैध रूप से भारत में रह रहे थे, फर्जी दस्तावेजों के सहारे न केवल नागरिकता का दावा कर रहे थे, (Deportation news)बल्कि खुद को राजस्थान का मूल निवासी तक घोषित कर चुके थे।
विशेष अभियान में अब तक 1,000 से ज्यादा गिरफ्तार
राज्य सरकार द्वारा 30 अप्रैल से चलाए जा रहे विशेष ऑपरेशन में अब तक 1,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। ये सभी भारत में बिना वैध कागजात के रह रहे थे। इन लोगों के पास से नकली आधार कार्ड, वोटर आईडी और पते के प्रमाण जैसे दस्तावेज बरामद हुए हैं।
जांच में सामने आया है कि इन अवैध नागरिकों ने स्थानीय दलालों और नेटवर्क की मदद से फर्जी पहचान पत्र और निवास प्रमाण पत्र बनवाए थे। सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि इस पूरे नेटवर्क में कौन-कौन शामिल हैं।
डिटेंशन सेंटरों में रखे गए अवैध नागरिक
इन घुसपैठियों को राज्य के विभिन्न जिलों में बनाए गए 24 डिटेंशन और शेल्टर होम्स में रखा गया है। प्रशासन की योजना के अनुसार, इन्हें विशेष विमानों द्वारा पश्चिम बंगाल भेजा जाएगा और वहां से बीएसएफ की निगरानी में उनके देशों—बांग्लादेश और म्यांमार—भेजा जाएगा।
अभियान के तहत 15 मई को ही 148 अवैध नागरिकों को पश्चिम बंगाल भेजा गया है। जिला स्तर पर चिन्हित कर इन सभी को डिटेंशन सेंटर से रवाना किया गया।
सीकर में सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां
राज्य में सीकर जिले से सबसे ज्यादा अवैध नागरिकों को पकड़ा गया है। यहां से कुल 394 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें 341 बच्चे, 284 महिलाएं और 376 पुरुष शामिल हैं।
इनमें से कई महिलाएं घरों में कामकाजी सहायिका के रूप में कार्यरत थीं, जबकि पुरुष ईंट-भट्टों, खान मजदूरी, कबाड़ बीनने और बेलदारी जैसे कार्यों में लगे थे। कुछ मामलों में इनके आपराधिक रिकॉर्ड भी सामने आए हैं।