क्या बजरंग दल का नया अभियान बदल देगा राजस्थान की तस्वीर? नशा और मतांतरण के खिलाफ उठी सशक्त आवाज!

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Rajasthan News: बजरंग दल ने एक बार फिर से अपनी सक्रियता दिखाई है। गोरक्षा और लव जिहाद के मुद्दों के साथ अब संगठन मतांतरण के खिलाफ भी मोर्चा खोलेगा। विश्व हिंदू परिषद के संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे ने इस परिवर्तन की जानकारी देते हुए कहा कि संगठन युवा वर्ग में बढ़ती नशे की लत को रोकने के लिए “रन फॉर हेल्थ” का आयोजन करेगा, जो देशभर के 7,000 स्थानों पर 10 दिनों में होगा।

नशा मुक्ति का महाकुंभ: लाखों युवा दौड़ेंगे

इस राष्ट्रीय बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार, बजरंग दल नवंबर में नशा मुक्ति के लिए एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करेगा। “रन फॉर हेल्थ” के तहत लाखों युवा दौड़ेंगे, जो देश में अब तक का सबसे बड़ा जागरूकता अभियान होगा। मिलिंद परांडे ने कहा कि यह पहल युवाओं को नशे से बाहर निकालने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

हिंदू जनसंख्या असंतुलन का मुद्दा: बजरंग दल करेगा कार्रवाई

परांडे ने देशभर में हिंदू जनसंख्या में असंतुलन की चिंता जताई और कहा कि बजरंग दल अब मतांतरण के खिलाफ भी सक्रिय भूमिका निभाएगा। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से मांग की कि इस समस्या का समाधान करने के लिए एक केंद्रीय कानून बनाया जाए।

महिलाओं की सुरक्षा: गंभीर चिंता का विषय

आंकड़ों के अनुसार, हर साल 8,000 से 9,000 कन्याओं की घर वापसी होती है, जबकि गृह मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले ढाई साल में 13 लाख महिलाएं मिसिंग हुई हैं। बजरंग दल इस मुद्दे पर कानून के दायरे में रहते हुए सख्त कदम उठाने का आश्वासन देता है।

मंदिरों की सुरक्षा: हिंदू समाज की अपील

तिरुपति बालाजी में प्रसाद में पशु चर्बी और मछली का तेल मिलने को लेकर परांडे ने इसे हिंदू आस्था का अपमान बताया। उन्होंने मांग की कि सभी मंदिरों का संचालन हिंदू समाज को सौंपा जाना चाहिए, ताकि धार्मिक भावनाओं का सम्मान हो सके।

पलायन नहीं, पराक्रम का समय

जयपुर में हिंदुओं के पलायन के मामलों पर परांडे ने कहा, “यह समय पलायन का नहीं, बल्कि पराक्रम दिखाने का है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि बहुसंख्यक समाज का कल्याण ही देश के समग्र विकास का आधार है।

त्रिशूल दीक्षा का उत्सव: हिंदू संस्कृति को बढ़ावा

परांडे ने बताया कि त्रिशूल हिंदू संस्कृति का प्रतीक है, और इसके दीक्षा कार्यक्रमों का विस्तार किया जाएगा। साथ ही, वंचित वर्ग के स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्रों में विश्व हिंदू परिषद का कार्य 500 से अधिक जिलों में चल रहा है

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