Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में भड़की हिंसा के चलते पिता-पुत्र सहित तीन लोगों की हत्या कर दी गई। (Murshidabad Violence)हिंसा के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। इस बीच भाजपा नेता और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है।
सैकड़ों हिंदू परिवारों का पलायन
शुभेंदु अधिकारी का कहना है कि हिंसा के बाद सुती, समसेरगंज, जंगीपुर, धुलियान और फरक्का जैसे इलाकों से सैकड़ों हिंदू परिवार पड़ोसी जिलों में शरण लेने को मजबूर हो गए हैं। उन्होंने दावा किया कि कई घरों में लूटपाट और तोड़फोड़ की गई है। साथ ही, पीने के पानी के स्रोतों — तालाबों और कुओं में जहर मिलाने तक की घटनाएं सामने आई हैं।
पुलिस का दावा- स्थिति नियंत्रण में
दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल पुलिस का कहना है कि स्थिति अब नियंत्रण में है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, हिंसा प्रभावित क्षेत्रों — सुती, समसेरगंज, धुलियान और जंगीपुर — में बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू है। फिलहाल इलाके में शांति बनी हुई है, हालांकि बाजार बंद और सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।
250 से अधिक गिरफ्तार, पुलिसकर्मी घायल
पुलिस ने अब तक हिंसा के सिलसिले में 250 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। कम से कम 18 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। हजारों लोगों ने अपने घर छोड़े हैं और वे झारखंड के मकदहा व अन्य शरणार्थी शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
शुभेंदु का आरोप- तृणमूल और कट्टरपंथियों की मिलीभगत
शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस पर कट्टरपंथियों से साठगांठ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “मुर्शिदाबाद में हिंसा कोई सामान्य घटना नहीं, बल्कि एक गहरी साजिश है।” उन्होंने यह भी दावा किया कि हिंसा के दौरान 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति नष्ट हो चुकी है।
बंगाल भाजपा अध्यक्ष का दौरा
बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार भी हालात का जायजा लेने के लिए शरणार्थी शिविरों में विस्थापित लोगों से मिलने जा रहे हैं। शुभेंदु अधिकारी ने यह भी मांग की है कि चुनाव के दौरान और उसके बाद तीन महीने तक सुरक्षा की जिम्मेदारी चुनाव आयोग को सौंपी जाए।