Mayor Munesh Gurjar: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने महापौर मुनेश गुर्जर और उनके पति सुशील गुर्जर के खिलाफ एक बड़े रिश्वत मामले में 2502 पेज की चार्जशीट प्रस्तुत की है। आरोप है कि मुनेश ने परिवादी से 50,000 रुपए की रिश्वत लेकर सरकारी काम में हस्तक्षेप किया।
महापौर की कोर्ट में अनुपस्थिति: स्वास्थ्य या संदेह?
गुरुवार को महापौर मुनेश गुर्जर अदालत में नहीं पहुंचीं। उनके वकील ने अदालत को बताया कि वे दिल्ली में इलाज कराने गई हैं। लेकिन क्या यह सच है? एसीबी ने इस मामले में अन्य आरोपियों नारायण सिंह और अनिल दुबे के खिलाफ भी चार्जशीट पेश की है।
एसीबी की जांच में उजागर हुईं गंभीर बातें
एसीबी की जांच में मुनेश गुर्जर की संलिप्तता साफ तौर पर सामने आई है। राज्य सरकार ने 6 सितंबर को उनके खिलाफ अभियोजन की मंजूरी दी थी। परिवादी के बयान के अनुसार, मुनेश ने उनसे एक लाख रुपए मांगे, लेकिन अंततः केवल 50,000 रुपए लिए।
अदालत का सख्त रुख: 5 अक्टूबर तक पेश होने का निर्देश
हाईकोर्ट ने एसीबी को दो सप्ताह में चालान पेश करने का आदेश दिया था, लेकिन मुनेश गुर्जर की अनुपस्थिति ने सबको चौंका दिया। उनके वकील ने मेडिकल रिपोर्ट पेश की, लेकिन परिवादी के वकील पूनम चंद भंडारी ने इस पर सवाल उठाए। अदालत ने मुनेश को 5 अक्टूबर तक पेश होने का आदेश दिया है।
क्या होगी अगली कार्रवाई?
एसीबी ने मुनेश, उनके पति, और अन्य आरोपियों के मोबाइल फोन, रिश्वत राशि के सबूत और बातचीत के रिकॉर्ड विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे हैं। रिपोर्ट आने के बाद इसे अदालत में पेश किया जाएगा। यह मामला भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।