Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा में आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश होने के बाद सदन में सियासी घमासान तेज हो गया। ( Rajasthan Assembly)सत्ता पक्ष ने विधायक पर सरकार की छवि खराब करने का आरोप लगाया, तो वहीं विपक्ष ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया।
भाजपा पर भड़का विपक्ष: ‘विरोध की आवाज़ दबाने की साजिश’
कांग्रेस और आरएलडी के नेताओं ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह पूरी कार्रवाई विपक्ष की आवाज दबाने का प्रयास है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा, “विधानसभा में जनता के मुद्दे उठाना हमारा अधिकार है, लेकिन सरकार डराने और दबाने की राजनीति कर रही है।”
‘विशेषाधिकार हनन या राजनीति?’ – सवालों के घेरे में सरकार
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह प्रस्ताव महज कानूनी कार्रवाई से ज्यादा एक राजनीतिक चाल हो सकती है। सत्ता पक्ष विपक्ष को निरुत्साहित करने की कोशिश कर रहा है, जबकि विपक्ष इसे जनता के मुद्दों को दबाने की साजिश करार दे रहा है।
‘भविष्य में और बढ़ेगा टकराव’ – जानकारों की राय
राजनीति के जानकारों का मानना है कि यह मामला केवल सुभाष गर्ग तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भाजपा सरकार और विपक्ष के बीच तनाव को और बढ़ाएगा। राजस्थान में लोकसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में यह टकराव चुनावी मुद्दा भी बन सकता है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार इस प्रस्ताव पर क्या रुख अपनाती है और विपक्ष इसे किस तरह से भुनाने की कोशिश करता है।