Wildlife Smuggling: राजस्थान के जालोर जिले में वन विभाग की टीम ने एक डिकॉय ऑपरेशन के दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से वन्यजीवों के अवशेषों से बने उत्पादों की बिक्री करने वाले एक गिरोह ( Wildlife Smuggling)का पर्दाफाश किया है। यह मामला वन विभाग के लिए एक चेतावनी है, क्योंकि अब अपराधी सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल अवैध व्यापार को बढ़ावा देने के लिए करने लगे हैं।
जालोर के शोरूम से जब्त वन्यजीवों के अवशेष
वन विभाग की टीम ने जालोर के सिलावट कस्बे में एक शोरूम से शेर के 11 नाखून, गैंडे की चमड़ी और हाथी दांत से बने उत्पादों को जब्त किया। ये उत्पाद सोशल मीडिया पर प्रमोट किए जा रहे थे, और शोरूम का मालिक इन्हें मनमाने दामों पर बेच रहा था। आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और जब्त किए गए उत्पादों को जांच के लिए लैब में भेजा गया है।
डिकॉय ऑपरेशन में वन विभाग की टीम ने किया फर्जी ग्राहक बनकर छापा
वन विभाग को सूचना मिली थी कि सिलावट कस्बे में वन्यजीवों के अवशेषों से बने उत्पादों की अवैध बिक्री हो रही है। इसके बाद वन विभाग ने डिकॉय ऑपरेशन का सहारा लिया और टीम ने खुद को ग्राहक बनकर शोरूम पर पहुंचा। दुकानदार को बिल्कुल भी शक नहीं हुआ और उसने सभी अवैध उत्पाद टीम के सामने रख दिए।
आरोपियों का नेटवर्क तलाशने में जुटी वन विभाग की टीम
अब वन विभाग की टीम आरोपियों से पूछताछ कर रही है और उनका मोबाइल रिकॉर्ड खंगाल रही है, ताकि यह पता चल सके कि इन उत्पादों की सप्लाई कहां से हो रही थी। टीम ने कुछ अहम सुराग भी प्राप्त किए हैं और इस मामले की पूरी तह तक जाने की कोशिश कर रही है।