Lovely Kandara encounter: 13 अक्टूबर 2021 को लवली कंडारा की मुठभेड़ के संदर्भ में पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कहा जा रहा है कि उस दिन, लवली अपनी कार में सेनापति चौराहा के पास था और पुलिस अधिकारी लीला राम सादी वर्दी में पिस्टल लेकर उसके पास पहुंचे थे। आरोप है कि उन्होंने गाड़ी का कांच तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद लवली ने अपनी गाड़ी भगा दी।(Lovely Kandara encounter) इस दौरान अगर पुलिस चाहती तो टायर पर गोली मारकर लवली को रोक सकती थी, लेकिन लीला राम ने पीछा करने का निर्णय लिया और अपनी निजी गाड़ी से उसका पीछा किया।
सीसीटीवी फुटेज और पुलिस की कार्रवाई
इस पूरे घटनाक्रम का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था, जिसमें साफ देखा गया कि पुलिस ने अपनी गाड़ी को लवली की गाड़ी के सामने तेजी से लगा दिया और फिर लीला राम ने गोली चलाई, जिसमें लवली घायल हो गया। इस दौरान लवली की गाड़ी में छह लोग मौजूद थे, जिनमें से दो लोग मौके से भागने में कामयाब हुए। पुलिस ने लवली को अस्पताल में भर्ती कराया, जबकि तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया।
परिजनों का विरोध और धरना
लवली के परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए धरना दिया। इसके बाद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नेता हनुमान बेनीवाल भी धरने में शामिल हुए। परिवार ने पुलिस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और आखिरकार 17 अक्टूबर को सरकार ने पुलिस अधिकारी लीला राम सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।
सीबीआई जांच की सिफारिश
मामले में बढ़ते विरोध और आक्रोश के बीच, 26 अक्टूबर को डीसीपी ईस्ट ने लीला राम और अन्य पुलिस कर्मियों को बहाल कर दिया, यह दावा करते हुए कि पुलिस ने अपनी जांच की थी और आरोप गलत साबित हुए। इस निर्णय के बाद वाल्मीकि समाज ने विरोध प्रदर्शन किया और सीबीआई जांच की मांग ने जोर पकड़ लिया। गहलोत सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, लेकिन जांच में देरी हुई। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने संसद में भी इस मुद्दे को उठाया।