Pachpadra Refinery: राजस्थान को जल्द ही देश की सबसे बड़ी मेगा प्रोजेक्ट रिफाइनरी का बहुप्रतीक्षित तोहफा मिलने वाला है। पचपदरा में बन रही इस अत्याधुनिक रिफाइनरी का 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, और राज्य सरकार ने इसे मार्च 2025 तक पूरी तरह से चालू करने का लक्ष्य तय किया है।( Pachpadra Refinery) मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रिफाइनरी का दौरा कर निर्माण कार्य का जायजा लिया और नाइट्रोजन प्लांट का उद्घाटन करते हुए इसे राज्य के औद्योगिक विकास और रोजगार के नए युग की शुरुआत बताया। रिफाइनरी के चालू होने से लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे और राजस्थान को औद्योगिक नक्शे पर नई पहचान मिलेगी।
जानें अब क्या है स्थिति?
प्रदेश के बहुप्रतीक्षित मेगा प्रोजेक्ट रिफाइनरी की 11 में से 10 इकाइयों का कार्य लगभग 90 से 98 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। हालांकि, सल्फर रिकवरी यूनिट का काम अभी केवल 50 प्रतिशत ही हुआ है। परियोजना का कुल कार्य भी 90 प्रतिशत तक पूरा होने को है। एचपीसीएल और राजस्थान सरकार के संयुक्त उद्यम एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड (एचआरआरएल) की इस परियोजना में बीएस-6 मानक की 9 मिलियन टन वार्षिक क्षमता वाली रिफाइनरी का निर्माण किया जा रहा है।
अब तक हुआ काम
क्रूड/वैक्यूम डिस्टीलेशन यूनिट और डिलेड कॉकर यूनिट का लगभग 94 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। हाइड्रोजन जनरेशन यूनिट और डीजल हाइड्रोजन यूनिट का 98 प्रतिशत से अधिक कार्य हो गया है। इसके अलावा, वीजीओ-एचडीटी यूनिट का भी 94 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है।
रिफाइनरीः फैक्ट फाइल
- लागत: ₹72,000 करोड़
- वार्षिक क्षमता: 9 मिलियन टन
- मजदूर: लगभग 35,000 मजदूर कार्यरत
- पूर्णता: 11 में से 10 इकाइयों का कार्य 90-98% तक पूरा
- सल्फर रिकवरी यूनिट: केवल 50% कार्य पूरा
सीएम की प्रतिबद्धता
राइजिंग राजस्थान कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने रिफाइनरी के कार्य में तेजी लाने पर जोर दिया था। उन्होंने इस प्रोजेक्ट को राजस्थान के औद्योगिक भविष्य के लिए बेहद अहम करार दिया। जल्द ही यह रिफाइनरी प्रदेश की औद्योगिक तस्वीर को बदलने के लिए तैयार होगी।