Ashok Gehlot: बांग्लादेश में 16 दिसंबर को 53वां विजय दिवस मनाया गया, इस अवसर पर बांग्लादेश में भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विरोध नारेबाजी की गई। (Ashok Gehlot)नारे में कहा गया, “बांग्लादेश पर अब दिल्ली नहीं, ढाका का राज चलेगा,” जिससे भारत में गुस्सा और नाराजगी फैल गई। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक अहम सलाह दी और कहा कि उन्हें बांग्लादेश में बढ़ते भारत विरोधी माहौल और हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा को गंभीरता से लेना चाहिए।
चिंता व्यक्त करते हुए गहलोत का बयान
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने बांग्लादेश में 16 दिसंबर को मनाए गए 53वें विजय दिवस पर भारत विरोधी नारेबाजी और बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत ने बांग्लादेश को 1971 के युद्ध में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में स्वतंत्रता दिलवाई, और दोनों देशों के बीच अच्छे रिश्ते रहे। परंतु, अब दोनों देशों के बीच कटुता बढ़ना चिंताजनक है, खासकर व्यापारिक रिश्तों में भी रुकावट आ रही है।
हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, सरकार का चुप्पी साधना
गहलोत ने आगे कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर भारत सरकार का कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। विशेष रूप से, आशुपुर में 1971 के युद्ध में योगदान देने वाले भारतीय सैनिकों के लिए बन रहे मेमोरियल का काम भी रुक गया है। गहलोत ने सरकार से मांग की कि इस मुद्दे पर सख्ती से ध्यान दिया जाए और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से कड़े कदम उठाने की अपील की जाए।
विजय दिवस पर सरकार की उपेक्षा और वाजपेयी के शब्द
गहलोत ने यह भी याद दिलाया कि 1971 के युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सैनिकों का समर्पण करवाया, जो एक ऐतिहासिक घटना थी। अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी को “दुर्गा” कहा था, लेकिन विजय दिवस के अवसर पर भारतीय सरकार ने कोई बड़ा आयोजन नहीं किया। गहलोत ने सवाल किया कि क्या यह हमारी जिम्मेदारी नहीं है कि हम नई पीढ़ी तक इस ऐतिहासिक विजय को पहुंचाएं और इसका जश्न मनाएं।
प्रधानमंत्री मोदी को सलाह: बढ़ते भारत विरोधी माहौल पर ध्यान दें
अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बांग्लादेश में बढ़ रहे भारत विरोधी माहौल और हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा पर गंभीरता से ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने भारत सरकार से यह भी आग्रह किया कि कूटनीतिक चैनलों से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से ऐसी घटनाओं पर सख्ती से कार्रवाई करने को सुनिश्चित किया जाए, ताकि दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार हो सके।